आईजी से न्याय मांगने जा रही पीड़िता को रास्ते से पुलिस ने लौटाया

आईजी से मिलने जा रही पीड़िता को रोकना लोकतंत्र की हत्या-ऐपवा

एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। आईजी दरभंगा (IG Darbhanga) से मिलकर न्याय मांगने जा रही आधारपुर मर्डर कांड के दौरान भीड़ हत्या में अपनी शिक्षिका मां सरोवर खातुन, चचेरे भाई मो. अनवर को खो चुकी पीड़िता नुसरत परवीन को पुलिस अधिकारियों द्वारा पूसा स्थित राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के गेट के पास से 6 जुलाई को लौटा दिया गया।

पीड़िता को बिना मिले वापस किये जाने की घटना की निंदा करते हुए ऐपवा जिलाध्यक्ष बंदना सिंह ने पुलिस के इस कृत को न्याय का गला घोंटने वाला कृत बताया है।

इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि पीड़िता नुसरत परवीन अपने दो बहनों के साथ 6 जुलाई को दरभंगा आईजी से मिलकर कुछ गुप्त जानकारी देने दरभंगा जा रही थी। पहले सुरक्षा में उपस्थित पुलिस तीनों बहनों में से एक को जाने देने को तैयार हुए।

जब वे निकलने लगी तो वरीय अधिकारी से फोन पर बातचीत के बाद 3-4 पुलिस वाले सुरक्षा का हवाला देकर चार चक्का वाहन में साथ हो लिए। फिर समस्तीपुर जिला के हद में पूसा स्थित डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय के आगे किसी से फोन पर बात के बाद वरीय अधिकारी का आदेश न होने का बहाना बनाकर लौटाने लगे।

उन्होंने बताया कि इस क्रम में नुसरत एवं उनके परिजन द्वारा ” न्याय मांगने अपने रिस्क पर दरभंगा जाने एवं जल्द लौट जाने का लिखित आश्वासन भी दिया जा रहा था, जिसे पुलिस वालों ने अनसुना कर दिया। उन्होंने बताया कि मौके पर उपस्थित कुछ पत्रकार समेत कुछ स्थानीय रहिवासी भी पुलिस से आरजू- मिन्नत किए, लेकिन पुलिस रोती- विलखती पीड़िता को लौटाकर पुनः वर्तमान आश्रय स्थल भेरोखड़ा लेकर चले गये।

ऐपवा जिलाध्यक्ष बंदना सिंह ने कहा है कि चाहे प्रक्रिया जो भी हो, पीड़िता को आईजी से मिलकर अपनी बात कहने का अधिकार है। यह अधिकार पुलिस नहीं छीन सकती। उन्होंने घटना की निंदा करते हुए वरीय अधिकारियों से इसकी जांच व कार्रवाई करने के साथ हीं पुलिस द्वारा पीड़िता को आईजी से मिलाकर अपनी बात बताने की इजाजत दिये जाने की मांग की।

ऐपवा नेत्री ने कहा कि श्रवण राय की हत्या के बाद बीते माह के 21 जून को पुलिस की उपस्थिति में भीड़ द्वारा मो. हसनैन के घर में आग लगाना, कार जला देना, ग्राहक सेवा केंद्र जला देना, मारते- पिटते तीन लड़कियों, एक महिला समेत 6-7 लोगों को अन्यत्र ले जाकर मारते- मारते सरोवर खातुन एवं मो. अनवर को मार देना लोकतंत्र की हत्या थी।

आज न्याय मांगने आईजी के यहाँ जा रही मृतिका की बेटी नुसरत को पुलिस द्वारा रास्ते से बल प्रयोग कर लौटा देना लोकतंत्र की दूसरी हत्या है। ऐपवा नेत्री ने श्रवण राय, सरोवर खातुन एवं मो. अनवर के हत्यारे समेत भीड़ हत्या में शामिल तमाम लोगों को जांच कर गिरफ्तार करने की मांग की है।

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