सामयिक परिवेश छत्तीसगढ़ अध्याय पर कवि सम्मेलन का आयोजन

एस.पी.सक्सेना/पटना (बिहार)। सामयिक परिवेश पत्रिका छत्तीसगढ़ अध्याय के तत्वावधान में बसंतोत्सव, नर्मदा जयंती और स्वर कोकिला लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए ऑनलाइन (Online) कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया।

आयोजित विराट कवि सम्मेलन कार्यक्रम में सर्वप्रथम माँ शारदे के तैल चित्र और दिवंगत भारत रत्न लता दीदी के तैल चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। तदुपरांत दिलीप टिकरिहा के स्वर में सरस्वती वंदना और मंजुला श्रीवास्तव के स्वर में स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।

इस अवसर पर पत्रिका के प्रधान संपादक ममता मेहरोत्रा एवं संपादक- सभाध्यक्ष श्याम कुँवर भारती के छत्रछाया में भव्य कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि सत्येंद्र शर्मा, आदि।

विशिष्ट अतिथि अंजनी कुमार सुधाकर एवं अशोक गोयल के उद्बोधन के साथ साथ देश के पाँच राज्यों के 35 विशिष्ट साहित्यकारों ने अपनी प्रस्तुति से कार्यक्रम (Program) को एक नया आयाम दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन राज्य प्रभारी सरोज साव कमल तथा नवेद रजा दुर्गवी ने अनवरत चार घंटे तक किया।

गूगल मीट (Google Meet) कवि सम्मेलन में सरोज साव ने बचपन पर, जुगेस चंद्र दास ने बसंत ऋतु पर, लता शर्मा ने मधुमास पर, नवेद रजा दुर्गवी ने नर्मदा जयंती पर और दीदी लता मंगेशकर के लिखे गीत का वाचन किया।

अरूणा साहू ने नर्मदा मैया पर, रजनी कटारे ने नर्मदा जयंती पर, दिलीप पटेल ने लता दीदी पर, साधना मिश्रा ने नियति की चाल पर, राजेन्द्र जैन रतन ने बसंत व नर्मदा जयंती पर, दिलीप टिकरिहा छत्तीसगढ़िया ने लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि गीत अर्पित किया।

जबकि राम देव शर्मा, नम्रता श्रीवास्तव, रामनिवास तिवारी ने ऋतु राज बसंत पर, राजबाला पुंडीर ने लता जी को श्रद्धांजलि अर्पित किया। डाॅ उषा पांडेय, परमहंस तिवारी, भैरोंसिंह चौहान तथा भीम सिंह ने बसंत पर और दीपक महापात्रे ने गजल प्रस्तुत किया।

सम्मलेन के अंत में अंजनी कुमार ने आभार प्रदर्शन किया और साथ ही साथ लता मंगेशकर दीदी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए दो मिनट का मौन धारण कर ईश्वर से प्रार्थना के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। इस आयोजन में सामयिक परिवेश अध्याय के पांच राज्यों से विशिष्ट साहित्यकारों ने अपनी प्रस्तुति से कार्यक्रम को एक नया आयाम स्थापित किया, जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है।

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