ईट भट्टों से स्वास्थ एवं पर्यावरण पर पड़ रहा बुरा असर-पंकज चौधरी

विजय कुमार साव/गोमियां (बोकारो)। क्षेत्र के दर्जनों ईट भट्टों की चिमनियों से निकलने वाली धुएं से रहिवासियों के स्वास्थ्य के अलावा पर्यावरण पर बुरा असर डाल रहा है। उक्त जानकारी पचमो के समाजसेवी पंकज चौधरी ने दी।

गोमियां प्रखंड के हद में अति सुदूरवर्ती क्षेत्र पचमो पंचायत के कई जगहों में दर्जनों ईट भट्टे संचालित है। इन भट्टों से पर्यावरण एवं स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। 16 जनवरी को विशेष जानकारी देते हुए समाजसेवी पंकज चौधरी ने कहा कि दर्जनों ईट भट्टे इस क्षेत्र में संचालित है।

इन भट्टों की चिमनियों से उठने वाले धुएं से क्षेत्र के रहिवासियों की आंखों में समस्या एवं सांस सम्बंधि बीमारी उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि इस धुएं से आसपास के गांवों में इसका बुरा असर पड़ रहा है।

पंकज के अनुसार बात करें नदियों के पानी की, तो ईट भट्टो के कचरे से पानी दूषित हो रहा है। अगर छत में ग्रामीण महिलाएं कपड़ा धो कर सुखाने के लिए रखती हैं तो लगता है कि उन कपड़ों को धोया ही नहीं गया है। इससे क्षेत्र में अनेकों समस्याएं उत्पन्न हो रही है।

यहां तक कि खेती योग्य जमीन में भी अब उपज ना के बराबर हो रही है। खेतों की मिट्टी भी दूषित हो चुकी है। जंगल के दर्जनों पेड़ों को भी काटा जा चुका है। इन सब के बाद भी धड़ल्ले से इन भट्टों को चलाया जा रहा है।

इस तरह से पर्यावरण एवं रहिवासियों के जीवन पर इसका बुरा असर देखा जा रहा है। इस संबंध में वन अधिकारी अरुण बाउरी ने कहा कि मामले की जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी।

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