आदिवासी महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार के विरोध में महागठबंधन द्वारा आक्रोशपूर्ण रैली

राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन उपायुक्त को सौंपकर मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग

एस. पी. सक्सेना/लातेहार (झारखंड)। इंडिया महागठबंधन में शामिल झामुमो, कांग्रेस, राजद, माकपा, जदयू ने मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर अमानवीय व्यवहार करने के विरोध में एक अगस्त को लातेहार में आक्रोशपूर्ण रैली निकाला गया। माको डांकबंगला से मुख्य शहर होते हुए समाहरणालय गेट तक आक्रोशपूर्ण रैली – प्रदर्शन किया गया।

रैली में शामिल तमाम जन मणिपुर सरकार को बर्खास्त करो, आदिवासी महिलाओं का शोषण अत्याचार बंद करो, हिंसा पर रोक लगाओ, मोदी सरकार होश में आओ जैसे नारे लगा रहे थे। रैली का नेतृत्व झामुमो लातेहार जिलाध्यक्ष लाल मोतीनाथ शाहदेव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुनेश्वर उरांव, राजद जिलाध्यक्ष राम प्रवेश यादव, जदयू के जिलाध्यक्ष निजामुद्दीन कोरैशी, सीपीएम के वरिष्ठ नेता अयुब खान संयुक्त रूप से कर रहे थे।

जानकारी के अनुसार समारणालय गेट पर पहुंचकर प्रदर्शन सभा में तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता जेएमएम जिलाध्यक्ष लाल मोतीनाथ शाहदेव एवं संचालन कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुनेश्वर उरांव ने किया। आयोजित सभा को संबोधित करते हुए झामुमो जिलाध्यक्ष शाहदेव ने कहा कि मणिपुर राज्य विगत तीन मई से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है।

बावजूद इसके हमारे देश के भाजपा नेतृत्व वाली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार मुक दर्शक बनी हुई है। उन्होंने कहा कि अबतक मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा को रोकने में भाजपा नित डबल इंजन की सरकार पुरी तरह नाकाम रही है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष उरांव ने कहा कि मणिपुर में भीड़ द्वारा महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। उन्हें निर्वस्त्र कर वीडिओ वायरल होने के बाद पुरा देश नहीं विश्व सर्मशार हुआ है। यह अत्यंत ही चिंता का विषय है कि इस हिंसा के कारण सैंकड़ों आम नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी एवं हजारों की संख्या में रहिवासी राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं।

राजद जिलाध्यक्ष यादव ने कहा कि मणिपुर दो माह से अधिक समय से हिंसा से जल रहा है। इसके बावजूद भी केंद्र की मोदी सरकार द्वारा संसद में मणिपुर की घटना पर कोई चर्चा नहीं की जा रही है। न ही हिंसा को रोकने की दिशा में कोई ठोस कदम ही उठाया जा रहा है।

सभा में माकपा के वरिष्ठ नेता अयुब खान ने कहा कि आज मणिपुर में भाजपा शासन में महिलाओं पर अत्याचार चरम पर है। देश ही नहीं विदेशों में भी भारत की बदनामी हो रही है। इसके अलावा सभा को जदयू जिलाध्यक्ष कोरेशी ने कहा कि मणिपुर की हिंसा के लिए भाजपा की नफरत की राजनीति जिम्मेदार है।

अंत में इंडिया गठबंधन दल का एक शिष्टमंडल ने उपायुक्त हिमांशु मोहन से मिलकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन उन्हें सौंपा। जिसमें मणिपुर राज्य में जारी जातीय हिंसा को रोकने में नाकाम मणिपुर सरकार को अविलंब बर्खास्त करने, मणिपुर राज्य में अविलंब शांति एवं कानून व्यवस्था बहाल करने, आदि।

राहत शिविरों में रह रहे नागरिकों के पुनर्वास की गारंटी सुनिश्चित करने, जातीय हिंसा के शिकार आम नागरिकों को न्याय दिलाने की दिशा में अविलंब आवश्यक कानुनी कार्रवाई करने, राज्य में दुष्कर्म के पीड़िता एवं हिंसा की शिकार आदिवासी महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए आवश्यक कानुनी कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की गई है।

रैली प्रदर्शन में झामुमो के दीपू कुमार सिन्हा, समशुल होदा, अरूण कुमार दुबे, मानिक गंझु, पॉल एक्का, गोपाल सिंह, निर्मला उरांव, सुनैना कुमारी, ममता सिंह, रेखा देवी, सुरेश उरांव, मो. इमरान, उपेन्द्र यादव, अरविंद यादव, ईश्वर उरांव, विजय उरांव, रामबृक्ष गंझु, संदीप उरांव, राजेंद्र गंझु, सीतमोहन मुंडा, सुरेश गंझु, मो. इजहार, बबलू राही, रंजीत उरांव, मनोज चौधरी, असगर अली, सुमन सुनील सोरेंग, बिपिन तिवारी, मो. अफजल, शशिभूषण तिवारी, महबूब आलम, आरती देवी, मो. मुस्तकीम, आदि।

अनिता मिंज, तौकीर मियां, हेरहंज जिप सदस्य चंचला देवी, गारु जिप सदस्य जीरा देवी, बुद्धेश्वर उरांव, लातेहार जिप सदस्य विनोद उरांव, कांग्रेस के पंकज तिवारी, आफताब आलम, शंभु यादव, बाबर खान, सुरेंद्र पासवान, सुरेंद्र उरांव, अमित यादव, सलाम अंसारी, अनिता देवी, महेंद्र उरांव, राजद के लक्ष्मन यादव, हरी शंकर प्रसाद यादव, रंजीत यादव, अजीत श्रीवास्तव समेत सैंकड़ों की संख्या में इंडिया गठबंधन दल के नेता, कार्यकर्ता व् समर्थक शामिल हुए।

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