तम्बाकू नियंत्रण को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

तम्बाकू उत्पाद विक्रेताओं से की गयी जल्द से जल्द लाईसेन्स के लिये आवेदन की अपील

दुकानदार तम्बाकू उत्पाद के साथ अब नहीं बेच सकेंगे कैन्डी, चिप्स आदि सामग्री

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह की अध्यक्षता में 23 मई को सभी नगर प्रबंधक एवं कर वसूलीकर्ता के साथ सभी प्राधिकृत पदाधिकारियों का कोटपा 2003 के अनुपालन हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

बोकारो जिला के हद में चास नगर निगम सभागार में आयोजित कार्यशाला में जिला के नोडल पदाधिकारी डॉ सेलीना टूडू, दिल्ली से दा यूनियन के तकनीकी सलाहकार डॉ निधी सेजपाल, सीडस संस्थान के रिम्पल झा, तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के बोकारो जिला परामर्शी मो. असलम मुख्य रूप से मौजूद थे।

इस अवसर पर अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह ने बताया कि नाबालिगों एवं किशोरों को तम्बाकू से दूर रखने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का किशोर न्याय (बाल देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 के अनुसार 18 साल से कम उम्र के बच्चे को किसी प्रकार का मादक अथवा नशीला पदार्थ, तम्बाकू उत्पाद बेचने पर 7 साल की कैद एवं 1 लाख रुपये तक के जुर्माना का प्रावधान है।

उन्होंने कहा कि झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 के धारा 455 के अनुसूचि 13 एवं 187 के अनुसार स्वास्थ्य के लिए खतरनाक किसी भी तरह का तम्बाकू उत्पाद एवं इसके हानिकारक प्रवृत्ति के मद्देनजर किसी भी परिसर में सभी तरह के तम्बाकू उत्पाद (सिगार, सिगरेट, बीटी, नसवार सहित) का विपणन, भण्डारण, पैकिंग, प्रसंस्करण, सफाई, विर्निमाण (किसी भी विधि द्वारा) बिना लाइसेन्स/ अनुज्ञप्ति अथवा अनुमति के नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि नगर निगम के संज्ञान में आया है कि शहर के विभिन्न दुकानों/परिसरों में तम्बाकू उत्पाद की बिक्री बिना लाइसेन्स/अनुज्ञप्ति अथवा अनुमति के की जा रही हैं। यह झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 का उल्लंघन है।

अपर नगर आयुक्त द्वारा चास नगर निगम के सभी तम्बाकू उत्पाद विक्रेताओं से अपील किया गया कि चास नगर निगम क्षेत्र के सभी दुकानदार आवेदन कर लाईसेन्स प्राप्त कर लें, क्योंकि जैसे ही सरकार ने स्थगन आदेश हटाया कि नगर निगम सिटी इन्फोर्समेन्ट टीम नगर निगम में लाईसेन्स नही लेने वाले तम्बाकू उत्पाद विक्रेताओं पर कार्रवाई करेगी।

साथ ही लाइसेन्स/अनुज्ञप्ति धारक तम्बाकू विक्रेता झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 का सख्ती से अनुपालन करते हुए सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम, खाध संरक्षण अधिनियम 2006 एवं बाल विकास मंत्रालय का किशोर न्याय (बाल देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 का उल्लंघन नहीं करेंगे तथा तम्बाकू उत्पाद की दुकानों पर टॉफी, कैन्डी, चिप्स, बिस्कुट, पेय पदार्थ इत्यादि की बिक्री नहीं करेंगे।

जिला नोडल पदाधिकारी डॉ सेलीना टुडू ने प्रशिक्षण का मुख्य उददेश्य के बारे में बताया कि तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम बोकारो जिला में सक्रिय रूप से क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज के प्रशिक्षण का मुख्य उददेश्य है कि नगर निगम क्षेत्र में कोटपा की धारा 4, 6ए एवं 6बी का अनुपालन अच्छे से हो।

सभी कर वसूलीकर्ता अपने अपने क्षेत्र में समय समय पर छापामारी कर कोटपा अधिनियम का अनुपालन करा सकें। साथ ही किसी भी शैक्षणिक संस्थान के 100 गज के दायरे में आने वाले दुकानों से तम्बाकू उत्पाद को हटाया जा सके।

दा यूनियन के तकनीकी सलाहकार डॉ निधि सेजपाल द्वारा तम्बाकू के लिये वेन्टर लाईसेन्स की जरूरत क्यों है? इससे क्या फायदा है? अभी तक राज्य सरकार द्वारा क्या पहल किया गया है बताया गया। यहां यह भी बताया गया कि यदि वेंडर लाईसेन्स दिया जायेगा तो हमें पता रहेगा कि नगर निगम क्षेत्र में कुल कितनी दुकाने है। सभी द्वारा कोटपा 2003 के सभी धाराओं का अनुपालन किया जा रहा है कि नही। इसकी जांच की जा सकती है।

जिला परामर्शी मो. असलम द्वारा बताया गया कि प्रशिक्षण के उपरान्त चालान कैसे करना है उसकी प्रक्रिया के बारे में बताने के लिये नगर निगम चास के छापामार दस्ता को आईटीआई मोड़ में चालान करके दिखाया गया। कुल दो दुकान को चालान कर अर्थदण्ड के रूप में ₹300 की वसूली की गई। कार्यशाला व् प्रशिक्षण में सीडस संस्थान से रिम्पल झा व छोटेलाल दास सहित चास नगर निगम के कर्मी आदि उपस्थित थे।

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