तेनुघाट जेल में बंदियों को दी गई ऑनलाइन कानूनी जानकारी

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। नालसा, झालसा एवं प्रभारी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो प्रदीप कुमार श्रीवास्तव (Pradeep Kumar Srivastava) के निर्देश पर 15 मई को तेनुघाट जेल में ऑनलाइन जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा व्यवहार न्यायालय तेनुघाट से किया गया।

तेनुघाट जेल में आयोजित इस ऑनलाइन (Online) या आभासी जेल अदालत में वादों के निष्पादन हेतु एक बेंच का गठन किया गया था। जिसके सदस्य एसडीजेएम दीपक कुमार साहू एवं अधिवक्ता रीतेश कुमार जयसवाल मौजूद थे।

उक्त जेल अदालत में वादों के निष्पादन के लिए एक भी आवेदन नही दिया गया था। इसलिए एक भी मामलों का निष्पादन नहीं हुआ। साथ ही तेनुघाट जेल में आभासी या ऑनलाइन विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन व्यवहार न्यायालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया।

इस जागरूकता कार्यक्रम में व्यवहार न्यायालय के एसडीजेएम (SDJM) सह अनुमंडल विधिक प्राधिकार सेवा समिति के सचिव दीपक कुमार साहू के द्वारा तेनुघाट जेल के बंदियो को चेक बाउंस के मामले की जानकारी देते हुए बताया गया कि आजकल लोग अपने मित्र गण से रुपए उधार ले लेते हैं।

वापस करते समय पैसा नहीं रहने के कारण अपना हस्ताक्षर किया हुआ बिना रुपया भरे हुए चेक दे देते हैं। यह बहुत ही गलत है। अगर आप चेक देते हैं तो उसमें जो बकाया रकम है वह जरूर भर कर दें। उसके बाद भी आप जिस तारीख का चेक देते हैं उस समय आपके खाते में कम से कम उतनी राशि होना चाहिए।

अगर नहीं है और चेक बाउंस होता है तो वह कानूनन अपराध है। उस कारण आपको न्यायालय का चक्कर लगाना पड़ता है। इसलिए किसी को भी चेक देते समय हमेशा याद रहना चाहिए। बैंक से चेक से रुपया निकालने का जो समय रहे, उस समय आपके खाते में रुपया होना चाहिए। साथ ही दहेज उत्पीड़न एवं मोटरयान दुर्घटना के बारे में जानकारियां दी गई।

आगे बंदियों को बताया गया कि आप अपने को सुधार कर जेल से बाहर निकले, ताकि बाहर निकालने के बाद आप दूसरों को गलत काम करने से रोके। मौके पर जेल अधीक्षक अनिमेष चौधरी, प्रभारी जेलर नीरज कुमार आदि मौजूद थे।

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