पुनर्नियोजन की मांग पर बर्खास्त कर्मी ने सीसीएल मुख्यालय पर दिया धरना

एस.पी.सक्सेना/रांची (झारखंड)। देश की महारत्न कंपनी कोल इंडिया की ईकाई सीसीएल के बीएंडके क्षेत्र के बर्खास्त कर्मी ने पुनर्नियोजन की मांग 5 जुलाई को सीसीएल मुख्यालय रांची के शमक्ष एकदिवसीय धरना दिया।

सीसीएल के प्रभारी महाप्रबंधक कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध आर आर शर्मा के आश्वासन के बाद परिवार सहित धरना वापस लिया। पीड़ित कर्मी के अनुसार उसे न्याय नहीं मिला तो वह आगामी 15 जुलाई को आत्मदाह करेंगे। इस बावत राकोमसं सीसीएल सचिव अजय कुमार सिंह (CCL secretary Ajay Kumar Singh) ने घटना को प्रबंधन की लेट लतिफी बताया।

जानकारी के अनुसार सीसीएल प्रबंधन की तालमटोल नीति के कारण लंबी अनुपस्थिति के कारण पिछले आठ बर्षों से बर्खास्त कर्मी धनेश्वर यादव ने बिसियों बार प्रबंधन से पुनर्नियोजन की मांग करता रहा है। पीड़ित धनेश्वर के अनुसार वह सीसीएल के खासमहल परियोजना के फेज दो में कार्यरत था।

उसने बताया कि लगातार पुनर्नियोजन की मांग करते करते वह थक चुका है। प्रबंधन बार-बार केवल उसे आश्वासन देता रहा है। अंततः उसने 5 जुलाई को धरना देने का निर्णय लिया है। उसने बताया कि पूर्व में उसके द्वारा सीसीएल प्रबंधन को प्रेषित पत्र में 5 जुलाई को उसके द्वारा आत्मदाह की सूचना को प्रबंधन 15 जुलाई समझा गया है।

पीड़ित कर्मी धनेश्वर के अनुसार भुखमरी और मुफलिसी के कगार पर पहुंचने के कारण अब उसके शमक्ष केवल एक ही विकल्प शेष रह गया है। या तो वह पुरे परिवार के साथ आत्मदाह कर ले अथवा न्यायालय व् सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग करे। उसने बताया कि उसे न्याय नहीं मिला तो आगामी 15 जुलाई को वह सीसीएल मुख्यालय पर आत्मदाह करेगा।

इस संबंध में राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ के सीसीएल सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि बर्खास्त कर्मी द्वारा पूर्व में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित बेरमो विधायक कुमार जयमंगल सिंह, सीसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक, निदेशक कार्मिक, मुख्य सुरक्षा पदाधिकारी व् महाप्रबंधक बीएंडके को पत्र द्वारा सूचित किये जाने के बाद भी अबतक किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिलना घोर आश्चर्य है।

राकोमसं नेता सिंह के अनुसार सीसीएल प्रबंधन पूर्व में तीन फेज में लंबी अनुपस्थिति के कारण बर्खास्त कर्मियों को तीन फेज में नियुक्ति दे चुकी है। बावजूद इसके पीड़ित धनेश्वर यादव सहित 26 बर्खास्त कर्मियों के मामले को बेवजह लटकाये हुए है। सिंह के अनुसार यह प्रबंधन की ढुलमूल रवैया व् लेटलतीफी का परिणाम है।

 208 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *