गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली के जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा एक सामान्य परिवार से आते हैं। इनके इस जिले में जिलाधिकारी बनकर आने के बाद से सरकारी कर्मचारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार और लाल फिता शाही को खत्म करने के लिए काफी प्रयास किया जा रहा है। उनकी पहल पर समाहरणालय स्थित बिहार सरकार के कार्यालय में भ्रष्टाचार थोड़ा बहुत कम हुआ है और भ्रष्ट कर्मचारी डरते भी हैं।
ज्ञात हो कि शिकायत मिलने पर वैशाली के जिला पदाधिकारी द्वारा कार्रवाई की जाती है। फिर भी समाहरणालय परिसर में भ्रष्ट कर्मियों ने अलग-अलग तरह के हठकंडे अपना रखे हैं। सामान्य नागरिकों से कार्यपालक दंडाधिकारी से शपथ प्राप्त करने में काउंटर पर ही ₹50 प्रति शपथ पत्र नजराना लिए जाने की बात सुनने को मिलती है।
सर्वे कार्यवाही शुरू होने के बाद खतियान का नकल प्राप्त करने के लिए किसानों को जो परेशानी हो रही थी तथा कर्मचारियों द्वारा जो इनका दोहन किया जा रहा था, की जानकारी जिला पदाधिकारी को मिलने के बाद आवश्यक कदम उठाया गया है। जिससे अब रहिवासियों को आसानी से खतियान का नकल प्राप्त हो रहा है।
बिहार सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति को दृढ़ता पूर्वक लागू करने के उद्देश्य से 29 अक्टूबर को जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा ने समाहरणालय परिसर में बीते 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक मनाए जा रहे सतर्कता अभिचेतना सप्ताह के अंतर्गत शाखाओं के पदाधिकारी एवं कर्मियों को भ्रष्टाचार उन्मूलन करने के उद्देश्य से सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर अपर समाहर्ता विनोद कुमार सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी राम बाबू बैठा सहित सभी शाखाओं के प्रभारी पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।
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