रोजगार मेला में 2500 कौशल प्राप्त युवाओं का ऑफर लेटर वितरण

ऑफर लेटर वितरण समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड की राजधानी रांची के खेलगांव स्थित टाना भगत इंडोर स्टेडियम में 22 जनवरी को आयोजित रोजगार मेला में 2500 कौशल प्राप्त युवाओं को ऑफर लेटर दिया गया। ऑफर लेटर वितरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी तब ठीक से हम मंत्रिमंडल का विस्तार भी नहीं कर पाए। इस दौरान कोरोना संक्रमण जैसी महामारी देश और दुनिया को अपनी चपेट में ले ली। कोविड संक्रमण इतना भयावह और डरावना था कि पूरा देश और दुनिया रुक सा गया। देश ने इससे पहले इस तरीके की वैश्विक चुनौती कभी नहीं देखी थी।

इस प्रकार का वैश्विक संक्रमण पिछड़े एवं गरीब राज्यों के लिए सबसे ज्यादा तकलीफ देने वाली होती है। उन्होंने कहा कि गरीब, मजदूर एवं जरूरतमंदों के लिए यह अभिशाप के जैसा था। सभी अपने घरों के भीतर बंद रहने के लिए मजबूर हो गए थे। लॉकडाउन में रोजगार के सभी साधन बंद हो गए। ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा नुकसान प्रवासी मजदूरों को हुआ, क्योंकि वे बेघर हो गए।

मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य बना, जिसने प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन के समय हवाई जहाज सहित विभिन्न माध्यमों से वापस घर लाने का कार्य कर दिखाया।

लॉकडाउन के कारण कई इंडस्ट्री बंद हुए जो आज तक उबर नहीं पाए। कोरोना संक्रमण का असर आज भी कहीं न कहीं देखने को मिल रहा है। ऐसी विपरीत स्थिति में भी हमारी सरकार ने एक बेहतर प्रबंधन का उदाहरण देते हुए बिना कोई अफरा-तफरी के राज्यवासियों और प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित रखने का काम कर दिखाया। कहा कि वैश्विक महामारी के समय हमारी सरकार के अधिकारी निरंतर यहां के जनमानस को बचाने का रास्ता ढूंढते रहे।

राज्य सरकार एवं महिला समूह की दीदियों ने गांव-गांव पंचायत-पंचायत पहुंचकर भूखे रहिवासियों को खाना खिलाया, घरों पर अनाज उपलब्ध कराया। कोविड से निपटने में हमारी महिला दीदियों का भी महत्वपूर्ण भूमिका रहा है।

सीएम सोरेन ने कहा कि जैसे ही कोरोना संक्रमण का धुंध छटा, राज्य सरकार ने रोजगार सृजन को लेकर बेहतर रणनीति बनाई और दूसरे प्रदेश से लौटे मजदूर सहित यहां के किसान, गरीब, जरूरतमंदों को कई योजनाओं से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि पिछले सौ वर्ष से भी अधिक समय से झारखंड में खनिज-संपदा निकालने का काम किया गया, परंतु यहां की खनिज-संपदा का पूरा लाभ राज्यवासियों को नहीं मिला।

बल्कि दूसरे प्रदेश के रहिवासियों के घर हमारे खनिज-संपदाओं से रोशन हुए। सीएम ने कहा कि इस राज्य के कोयला से दूसरे राज्य रोशन हुए और झारखंड अंधेरे में रहने को मजबूर था। हमारी सरकार ने खनिज-संपदा के अतिरिक्त भी कई विभिन्न क्षेत्रों में संभावना तलाशते हुए रोजगार सृजन कराया।

मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार ने झारखंड में एक बेहतरीन उद्योग पॉलिसी बनाते हुए टेक्सटाइल इंडस्ट्री को जोड़ा। राज्य सरकार और टेक्सटाइल इंडस्ट्री ने वादे के मुताबिक 75 प्रतिशत स्थानीय रहिवासियों को अपने संस्थानों में नियुक्तियां दी। राज्य सरकार के साथ-साथ टेक्सटाइल इंडस्ट्री ने भी कदम से कदम मिलाते हुए जरूरतमंद को रोजगार से जोड़ने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ वर्षो में 50 हजार से अधिक युवक-युवतियों को निजी क्षेत्र में नियुक्तियां देने का काम राज्य सरकार ने कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि पहले गांव-देहात के नौजवान फौज में नौकरी करने की तैयारी करते थे, परंतु वर्तमान के समय में फौज में भी नियुक्तियां रुक सी गई है।

गांव-देहात के वैसे बच्चे जो शहर में रहकर पढ़-लिख जाते थे, वे बैंक और रेलवे में नौकरी की तैयारी करते थे। लेकिन गलत नीति-निर्धारण के कारण आज बैंक तथा रेलवे में नौकरियां घटी हैं। केंद्र सरकार के कई उद्यम अब निजी हाथों में चला गया है। यही कारण है कि अब सरकारी नौकरियां कम हो रही हैं। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने एक अच्छी उद्योग नीति बनाकर 75 प्रतिशत स्थानीय रहिवासियों को राज्य में स्थापित इंडस्ट्री में रोजगार देने का नियम बनाया है।

मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार ने जितनी भी योजनाएं बनाई है, सभी योजनाएं यहां के आदिवासी-मूलवासी के योग्यता और क्षमता के अनुरूप ही बनाया गया है। चाहे योजना महिला के लिए हो या पुरुष के लिए। उन्होंने कहा कि राज्य की महिलाएं अब धीरे-धीरे हुनरमंद होकर आत्मनिर्भर भी बन रही है। राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में यहां की महिलाओं का भी अहम योगदान है।

जितनी भी महिलाएं आज इस इंडोर स्टेडियम में मौजूद हैं, कहीं न कहीं सभी आत्मनिर्भर हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने उपस्थित सभी महिलाओं से अपील किया कि वह राज्य सरकार की योजनाओं से जुड़कर स्वरोजगार भी करें। उन्होंने कहा कि आप स्वयं स्वरोजगार से जुड़ेंगे, तो आने वाले समय में अन्य को भी आप रोजगार से जोड़ सकते हैं। वर्तमान राज्य सरकार की विभिन्न व्यवस्था से जुड़कर आर्थिक रूप से मजबूत हो सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान हर मनुष्य की आवश्यकता होती है। कोई भी व्यक्ति बिना भोजन, बिना कपड़े और बिना छत के नहीं रह सकता है। कई चुनौतियां और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हमारी सरकार ने पक्के मकान से वंचित रहिवासियों के लिए अबुआ आवास योजना का शुभारंभ किया है।

हमारी सरकार एक-दो दिनों बाद से ही पात्र जनों को इस योजना का लाभ देना प्रारंभ करेगी। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने वर्तमान समय में राज्य के सभी 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग को पेंशन दे रही है। राज्य में दिव्यांग, विधवा सभी को पेंशन योजना से आच्छादित किया गया है। झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां सर्वजन पेंशन योजना लागू की गई है।

राज्य के स्कूलों में अध्यनरत सभी बच्चियों को सावित्रीबाई फुले योजना से जोड़ा जा रहा है। इस योजना के तहत बच्चियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आर्थिक सहयोग दी जा रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासी, दलित, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक के बच्चे अब उच्च शिक्षा के लिए विदेश पढ़ने जा रहे हैं।

राज्य सरकार विदेश में पढ़ाई करने वाले बच्चों को सत प्रतिशत स्कॉलरशिप उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सोच है कि यहां के बच्चे भी अब पढ़ लिखकर डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, जज सहित अन्य सरकारी अफसर बने। इस निमित्त गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना संचालित की जा रही है।

मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि राज्य के किसान, मजदूर, आदिवासी, पिछड़े, जरूरतमंद सहित सभी वर्गों की पीड़ा को हमारी सरकार समझती है। हमारी सोंच है कि हम आने वाली पीढ़ी को एक बेहतर भविष्य प्रदान करें। हमारी सरकार रोजगार सृजन के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और आगे भी करती रहेगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऑफर लेटर प्राप्त करने वाले सभी युवक-युवतियों को अपनी ओर से साधुवाद दी। सीएम ने ऑफर लेटर प्राप्त करने वाले सभी युवाओं के प्रति विश्वास जताते हुए कहा कि आप सभी अपना कार्य ईमानदारी पूर्वक करेंगे और नित नए आयाम को प्राप्त करेंगे।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद महुआ माजी, विधायक राजेश कच्छप, मुख्य सचिव एल. खियांग्ते, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, उद्योग सचिव जितेंद्र कुमार सिंह, जियाडा एमडी शशि रंजन, टेक्सटाइल इंडस्ट्री के दीपक अग्रवाल एवं सुधीर ढींगरा सहित बड़ी संख्या में ऑफर लेटर प्राप्त करने वाले युवक-युवती एवं महिलाएं उपस्थित थे।

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