सीता सोरेन को मंत्री नहीं बनाना झारखंड आंदोलनकारी की भूमिका की अनदेखी-नायक

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन द्वारा झारखंड आंदोलनकारी की पत्नी विधायक सीता सोरेन को मंत्री नहीं बनाना स्व. दुर्गा सोरेन द्वारा झारखंड अलग राज्य की लड़ाई में उनके अहम भूमिका को अनदेखा करने के समान है।

उपरोक्त बातें 16 फरवरी को आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने कही। नायक ने झारखंड आंदोलनकारी स्वर्गीय दुर्गा सोरेन की पत्नी विधायक सीता सोरेन को मंत्री नहीं बनाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।

नायक ने कहा कि विधायक सीता सोरेन का हक बनता था, मगर उनको इस हक से वंचित किया गया। यह स्वर्गीय दुर्गा सोरेन के विरासत को लेकर चलने वाली एक महिला का अपमान है।

उन्होंने कहा कि जो झारखंड अलग राज्य के निर्माण के लिए शिबू सोरेन के साथ कदम से कदम मिलाकर लड़ाई लड़ने वाले वीर क्रांतिकारी दुर्गा सोरेन के मृत्यु के बाद उनके सपनों को पूरा करने के लिए विधायक सीता सोरेन हर समय तत्पर रहती थी। आज उनके किए गए कार्यों को अनदेखा कर इन्हें मंत्री नहीं बनाया जाना झारखंड के लिए शुभ संकेत नहीं है। आने वाले दिनों में झारखंड मुक्ति मोर्चा को इसका परिणाम भुगतना होगा।

नायक में कहा कि अभी भी समय है वक्त रहते 12वें मंत्री के रूप में विधायक सीता सोरेन को अविलंब मंत्री बनाकर उनके पति स्वर्गीय दुर्गा सोरेन द्वारा अलग राज्य निर्माण की लड़ाई में योगदान को सम्मान देने का काम करें, ताकि स्वर्गीय सोरेन के देखे गए सपनों को उनकी पत्नी पूरा कर सके।

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