नाॅमिना प्रार्थना के साथ ढोरी माता तीर्थालय में नौ दिवसीय वार्षिक महोत्सव

देश के कई हिस्सों से जारंगडीह पहुंचने लगे हैं श्रृद्धालुगण

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में बेरमो प्रखंड के जारंगडीह स्थित ढोरी माता तीर्थालय 20 अक्टूबर को विधिवत नाॅमिना प्रार्थना के साथ नौ दिवसीय वार्षिक महोत्सव का शुभारंभ किया गया।

जानकारी के अनुसार हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी ईसाई समुदाय का जारंगडीह स्थित तीर्थ स्थल ढोरी माता महोत्सव नाॅमिना प्रार्थना तथा झंडोत्तोलन के साथ शुरू किया गया। मिली जानकारी के अनुसार यह महोत्सव नौ दिनों तक चलने वाला धार्मिक महोत्सव है। इसमे स्थानीय श्रृद्धालुगणो के अलावे राज्य के विभिन्न जिलों, प्रांतो के अलावे विदेशों से श्रृद्धालुगण यहां पहुच पूजा प्रार्थना मे शामिल होते हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत जारंगडीह के पुराने चर्च से हुई। यहां से सभी श्रृद्धालुगण पद यात्रा करते व प्रार्थना करते ढोरी माता तीर्थालय पहुंचे। जहां धार्मिक झंडोत्तोलन कर तथा कैंडिल जला तथा प्रभू ईशू व माता मरियम को याद कर क्षेत्र, राज्य, देश में अमन चैन, भाईचारे के लिए प्रार्थना की गई।

ज्ञात हो कि यह धार्मिक महोत्सव अक्टूबर माह के तीसरे सप्ताह यानी 20 अक्टूबर से नौ दिनों तक चलता है। इस महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में हजारीबाग धर्माप्रांत विश्व स्वामी आनंद जोजो उपस्थित थे। उन्होंने इस धार्मिक कार्यक्रम का नेतृत्व करने के साथ साथ मुख्य प्रार्थना के दायित्व का निर्वाहन किया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में ढोरी माता तीर्थालय के सचिव माईकेल लकड़ा, फादर विनोद, फादर विनय एवं तमाम ईसाई धर्मावलंबी शामिल थे। आज के प्रार्थना सभा में माता मरियम का पहला प्रार्थना किया गया।

बताता चलू कि ढोरी माता तीर्थालय मे स्थापित माता मरियम और प्रभू ईशू कि मुर्ति का इतिहास काफी पुराना और रोचक है। ईसाई समुदाय का इसके प्रति काफी आस्था मानी जाती है। यहां हर वर्ष अपने निर्धारित समय पर इस धार्मिक महोत्सव का आयोजन निरन्तर कई दशकों से होता आ रहा है। इस मौके पर यहां भव्य मेले का भी आयोजन होता है।

इस महोत्सव में क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों के अलावे लगभग हर समुदाय के श्रद्धालु बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। आने वाले आगंतुकों, श्रृद्धालुगणो के सेवा में दिखाई देते हैं। कुल मिलाकर ढोरी माता के प्रति लगभग सभी समुदायों का आस्था एक समान जुड़ा है।

हर कोई इस महोत्सव को सफल बनाने में सहयोग और मदद करते नजर आते हैं। वही शुरुआती धार्मिक कार्यक्रम को सफल बनाने में आर इग्नेश, किशोर एंथोनी, सीरियन, बेंजामिन, मॉरिस कुवेनदरम आदि का सराहनीय योगदान रहा।

 155 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *