बीजेपी की रथ यात्रा को हाई कोर्ट ने दी मंजूरी

साभार/ कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी द्वारा पश्चिम बंगाल में प्रस्तावित रथ यात्रा को कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। ‘गणतंत्र बचाओ यात्रा’ को मंजूरी मिलने से राज्य की ममता सरकार को बड़ा झटका माना जा रहा है। राज्य सरकार ने सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने का हवाला देकर रथयात्रा को मंजूरी देने से इनकार किया था। रथयात्रा रोके जाने पर ममता सरकार पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जमकर निशाना साधा था और खुद मोर्चे पर जुट गए थे।

पश्चिम बंगाल सरकार ने बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट से कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द में खलल पड़ने का अंदेशा जताने वाली खुफिया रिपोर्ट राज्य में बीजेपी की रथ यात्रा रैलियों को इजाजत देने से इनकार करने की वजह थी। इस पर बीजेपी के वकील एसके कपूर ने दलील दी कि इसके लिए ममता सरकार की ओर से इजाजत देने से इनकार करना पूर्व निर्धारित था और इसका कोई आधार नहीं था। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में महात्मा गांधी ने दांडी मार्च किया और किसी ने उन्हें नहीं रोका लेकिन अब यहां सरकार कहती है कि वह एक राजनीतिक रैली निकालने की इजाजत नहीं देगी।

बीजेपी ने याचिका के जरिए अपनी रैली को इजाजत देने से इनकार करने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार के कदम को चुनौती दी थी। कपूर ने अदालत से कहा कि राज्य सरकार ने अपने दावे के समर्थन में कोई वस्तुनिष्ठ तथ्य नहीं रखा है और वह रैली करने से एक रजनीतिक दल को रोक रही हैं जबकि संविधान यह अधिकार देता है। महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने अदालत को एक सीलबंद रिपोर्ट सौंपी और कहा कि बीजेपी की विवरणिका में यात्रा को प्रकाशित करना सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील प्रकृति का है।

बता दें कि ‘गणतंत्र बचाओ यात्रा’ की तीन तारीखें पहले ही निर्धारित कर ली हैं। यह 22 दिसंबर को कूच बिहार से, 24 दिसंबर को दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप से और 26 दिसंबर को बीरभूम जिले के तारपीठ से निकलेगी।’ ममता बनर्जी सरकार ने शनिवार को बीजेपी की रथ यात्रा को यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया कि इससे सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता है।

 


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