नीटी कामगार कप क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन

मुंबई। अंतर्राष्ट्रीय कामगार दिवस एवं महाराष्ट्र के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 1 मई को राष्ट्रीय औद्योगिक इंजीनियरी संस्थान (नीटी) में नीटी कामगार कप क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मैच आयोजित किया गया जिसमें नीटी हॉक्स ने नीटी किंगफीशर को 7 विकेट से पराजित किया।

नीटी कर्मचारी क्लब की ओर से आयोजित इस प्रतियोगिता का शुभारंभ 20 अप्रैल को संस्थान की संकायाध्यक्ष (छात्र कार्य) प्रो. हेमा दाते तथा कुलसचिव श्री बसवराज स्वामी ने किया। तत्पश्चात अलग-अलग दिवसों में कुल 8 टीमों के बीच 10-10 ओवर के 20 मैच खेले गए. इसमें नीटी के संकाय सदस्य, अधिकारी, कर्मचारी, फेलो विद्यार्थी, मजदूर एवं सेवानिवॄत्त कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों ने सहभागिता की।

सेमी फाइनल में नीटी टाइगर, नीटी पैंथर्स, नीटी हॉक्स तथा नीटी किंगफीशर ने अपना स्थान बनाया लेकिन फाइनल मैच तक पहुंचने में नीटी हॉक्स तथा नीटी किंगफीशर कामयाब हुई। देर शाम होने के कारण फाइनल मैच 8 ओवर का तय किया गया। नीटी किंगफीशर ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया और 8 ओवर में 61 रन बनाया। इसके जवाब में नीटी हॉक्स ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए मात्र 6.2 ओवर में ही अपना लक्ष्य पूरा कर लिया और नीटी किंगफीशर को 7 विकेट से हरा दिया।

खेल के समापन पर संस्थान के कुलसचिव बसवराव स्वामी ने टूर्नामेंट के विजेता टीम मालिक प्रमोद सुद्रिक, रामोतार कुमावत तथा आफताब आलम को ट्रॉफी देकर पुरस्कॄत किया। उन्होंने मैच के जरिए नीटी परिवार को एक मंच पर लाने का सबसे अच्छा उदाहरण बताया और इसे जारी रखने की अपील की। समारोह में उप विजेता टीम के मालिक एस.आर.रसाल, संतोष मोरे एवं अतुल ढोबले सहित टीम के सभी खिलडियों को भी ट्राफी देकर सम्मानित किया गया। क्लब द्वारा इस मैच को यूट्यूब पर लाइव प्रसारित कराया गया जिसे घर बैठे लोगों ने मैच का आनंद लिया।

प्रतियोगिता के अध्यक्ष एम.ए. वोरा के अनुसार नीटी कर्मचारी क्लब की ओर से विगत 2011 से इस टूर्नानमेंट का आयोजन हो रहा है जिसका उद्देश्य संस्थान के सभी वर्ग के कर्मचारियों को एक मंच पर लाकर उनके अंदर की खेल भावना को जगाना और उसे प्रोत्साहित करना है। इससे प्रत्येक कर्मचारी के अंदर अपने संस्थान के प्रति गौरव महसूस होता है और प्रत्यक्ष व परोक्षा रूप से इसका लाभ संस्थान की प्रगति में होता है। कार्यक्रम को सफल बनाने में आनंद नायडु, अरुण विश्वकर्मा, प्रशांत सालुंखे, दिपेश राऊल, राजेश लाड, अभिजीत जगताप, गुरूप्रसाद पारया, अभिजीत पठाडे, दिनेश सोलंकी, एन.डी.वानखडे, अक्षय पतयानी, गौरव पतयानी, ऋषिकेश सावंत, प्रतीश शिंदे आदि ने सक्रिय रूप से अपना योगदान दिया। कार्यक्रम का संचालन विष्णु पाटणकर ने किया।

 


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