झारखंड में तीन सौ महिला सहायता डेस्क स्थापित करने का प्रस्ताव

एस.पी.सक्सेना/ रांची (झारखंड)। झारखंड (Jharkhand) राज्य के हद में कुल तीन सौ थानों में महिलाओं के विरूद्ध उत्पीड़न/अत्याचार को अधिक कारगर तरीके से सुनवाई हेतु “महिला सहायता डेस्क” (Women Help Desk) स्थापित/सुदृढ़ीकृत किये जाने का प्रस्ताव है। इसके लिये सभी आवश्यक सुविधायें भी उपलब्ध कराया जायेगा।

राज्य के पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर राज्य के पुलिसकर्मियों की समस्याओं का समाधान करने हेतु ‘अभियान सम्मान’ आयोजित कर उनका मनोबल ऊँचा करने का प्रयास किया जा रहा है। इस अभियान सम्मान को छह अलग-अलग चरणों में आयोजित किया जाना है।

पुलिस मुख्यालय मीडिया सेल द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रथम चरण में 21 से 30 जून तक राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों/समादेष्टाओं को निर्देशित किया गया था कि वे अपने-अपने जिले, ईकाइयों व वाहनियों में कर्मियों की समस्याओं को सुलझाने के लिए एक मोबाईल नंबर जारी कर इसका प्रचार-प्रसार करें। ताकि पुलिसकर्मी इस नंबर पर एसएमएस या व्हाट्सएप के माध्यम से अपनी समस्याएँ रख सकें।

तद्नुसार 1 जुलाई से 10 जुलाई तक पुलिस अधीक्षक/समादेष्टा उनके शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए किये गये कार्रवाई से शिकायतकर्ता पुलिसकर्मी को अवगत कराये जाने का निर्देश दिया गया है। इसके अन्तर्गत राज्य के सभी जिले, ईकाई व वाहनियों में हवलदार, आरक्षी एवं चतुर्थवर्गीय कर्मियों की समस्याओं के निराकरण हेतु कुल 615 कर्मियों के अनुरोध आये। इनमें से 143 कर्मियों की समस्याओं का निष्पादन करते हुए संबंधित कर्मी को सूचित कर दिया दिया गया है।

शेष 472 कर्मियों की समस्याओं का निष्पादन की प्रक्रिया जारी है। पुलिसकर्मी/पदाधिकारियों की सेवा-पुस्तिका अद्यतन नहीं रहने की स्थिति में उन्हें प्रोन्नति अथवा ए.सी.पी./एम.ए.सी.पी. का लाभ प्रदान करने में परेशानी के आलोक में पुलिस महानिदेशक ने जिला एवं ईकाई के पुलिसकर्मियों/पदाधिकारियों की सेवा-पुस्तिका में समय सीमा निर्धारित कर कोटिवार अद्यतन प्रविष्टि करने का निर्देश दिया गया है।

इसके अतिरिक्त यदि कोई पुलिसकर्मी अपनी सेवा-पुस्तिका का अवलोकन करना चाहता है तो उन्हें अपने जिला के पुलिस उपाधीक्षक, मुख्यालय एवं परिचारी प्रवर की उपस्थिति में सेवा-पुस्तिका के अवलोकन करने का अवसर देने हेतु निर्देश दिया गया है।

पुलिस महानिदेशक द्वारा राज्य के सभी पुलिस उप-महानिरीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों को अपने क्षेत्राधिकारन्तर्गत सभी प्रतिष्ठानों का अग्रिम निरीक्षण कार्यक्रम बनाकर स-समय निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। ताकि न केवल थाना के दस्तावेजों को दुरूस्त किया जा सकेगा बल्कि स्थानीय जनता के समस्याओं की सुनवाई भी हो सकेगा।

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