मुलुंड में बनेगा मध्य-रेल लाइन के नीचे सबवे

मुंबई। मुंबई महानगरपालिका मुलुंड में मध्य-रेल लाइन के नीचे सबवे बनाने की तैयारी है। ‘अपना बाजार’ के पास से गुजरने वाला ‘रोड अंडर ब्रिज’ मुलुंड के पूर्वी और पश्चिमी सिरों को जोड़ेगा। खास बात यह कि इस ब्रिज से वाहन भी गुजर सकेंगे। मुंबई महानगरपालिका के मुख्य इंजिनियर (ब्रिज) एस.ओ. कोरी ने इस खबर की पुष्टि की है।

उन्होंने बताया कि बीएमसी ने इस बार ब्रिज का डिजाइन योजनाबद्ध तरीके से तैयार किया है। दोतरफा वाहनों की आवाजाही के अलावा, सबवे में पैदल यात्रियों के लिए चौड़े फुटपाथों की व्यवस्था की गई है। महानगरपालिका ने इस सबवे का प्रस्ताव रेल मंत्रालय के पास भेज दिया है, जहां यह विचारधीन है।

वास्तव में मुलुंड ही नहीं, भांडुप और विक्रोली-कांजुर मार्ग इलाकों में भी रेल लाइन के नीचे दो और सबवे बनाने पर चर्चा चल रही है। रास्तों के नीचे गुजरने वाली गटर और पाइप-लाइनें और बिजली के केबल, इन योजनाओं के लिए दिक्कत बने हुए हैं। इन पाइपों और केबलों को हटाना खर्चीला और झंझट भरा काम साबित हो सकता है। विक्रोली और कांजुर मार्ग के बीच ‘रोड अंडर ब्रिज’ की जगह निर्धारित न होने की वजह से विलंब होने का आशंका बनी हुई है। भांडुप की योजना भी इसी कारण लटकी हुई है। हालांकि स्थानीय सांसद किरीट सोमैया इन दोनों योजनाओं का लगातार ‘फॉलो-अप’ कर रहे हैं।

कुर्ला में रेलवे के नीचे भूमिगत अंडर-ब्रिज का गुरुवार को उद्घाटन किया गया। कुर्ला के सबवे में सिर्फ पैदल यात्री ही चल सकते हैं। कुछ वर्षों पहले, इंजिनियरिंग संस्थान ‘वीजेटीआई’ ने इस ब्रिज में हलके वाहन चलाने की अनुमति देने का प्रस्ताव खारिज कर दिया था। इस वजह से 2003 से 2011 तक बनकर तैयार सबवे सालों बंद पड़ा रहा। तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी ने 2004 के चुनावों ने पहले आननफानन में इस अंडर-ब्रिज का निर्माण करवाया था।

रात-रात भर काम करके बिना रेल यात्रा रोके, आधुनिक बॉक्स तकनीक से पुल का निर्माण किया गया था। रेल लाइन के नीच पुल तो बन गया, मगर दोनों तरफ इस जोड़ने वाले द्वारों का निर्माण नहीं हो सका। रेलवे ने 6.91 करोड़ और मनपा ने 2.94 करोड़ की अतिरिक्त लागत खर्च करके सालभर से कम समय में बंद पड़े ब्रिज के दोनों तरफ के निकास का काम पूरा किया।

मुंबई मनपा अधिकारियों को उम्मीद है कि नए रेल मंत्री पीयूष गोयल के निर्देशों के बाद मुलुंड और दूसरे ‘रोड अंडर ब्रिज’ के उसके प्रस्तावों को अनुमति मिलने में विलंब नहीं लगेगा। एल्फिंस्टन रोड भगदड़ कांड में 23 लोगों की मौत के बाद रेल मंत्री ने लगातार दो दिन बैठक लेकर रेल परियोजनाएं को स्वीकृति देने के अधिकार स्थानीय अधिकारियों को प्रदान कर दिए थे।

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