मुंबई में बढ़ रहा है प्रदूषण

साभार/ मुंबई। निर्माण कार्य और गाड़ियों की बढ़ रही संख्या के कारण प्रदूषण के स्तर में दिन-ब-दिन बढ़ोतरी हो रही है। प्रदूषण को लेकर तमाम जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, लेकिन मुंबई के प्रदूषण में सुधार होता नहीं दिख रहा है। आंकड़ों के अनुसार, 2011 में मुंबई में पीएम10 (10 पर्टिक्युलट मैटर) का स्तर 119 रहा, जो 2017 में बढ़कर 122 हो गया। विशेषज्ञों के अनुसार, महानगर में हो रहे निर्माण और गाड़ियों ने प्रदूषण का स्तर खराब किया है।

बता दें कि हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने ग्लोबल एयर पाल्यूशन डेटाबेस रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार, दुनिया के 15 बेहद प्रदूषित शहरों में 14 अकेले भारत से हैं। वहीं, मेगासिटी में प्रदूषण के मामलों में मुंबई दुनियाभर में चौथे नंबर पर है। महाराष्ट्र पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (एमपीसीबी) से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण गाड़ियों से निकलने वाला धुआं और निर्माण कार्य है। निर्माण कार्यों से वायुमंडल में धूल जमा होती है, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ता है।

बता दें कि पीएम10 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति क्युबिकमीटर सामान्य माना जाता है। इससे ऊपर जाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इससे सांस लेने में तकलीफ होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, पीएम10 के पार्टिकल्स ज्यादा खतरनाक होते हैं, क्योंकि ये हमारे फेफड़ों में दाखिल हो सकते हैं। यह पार्टिकल्स सल्फर डाइऑक्साइड, हेवी मेटल्स जैसे-लेड, मर्क्युरी आदि होते हैं। पेट्रोल, डीजल जैसे ईंधन, कोयला, कचरा जलाने के अलावा निर्माण कार्यों से छोटे-छोटे पार्टिकल्स पीएम10 में आते हैं और हमारे फेफड़ों में पहुंचकर बेहद बीमार बनाते हैं।

प्रदूषण पर जारी डब्लूएचओ की रिपोर्ट के बाद से इस पर चर्चा शुरू हो गई है। एमपीसीबी के अनुसार, दोनों के मानकों में काफी अंतर है। एमपीसीबी के जॉइंट डायरेक्टर विद्यानंद मोटघरे ने बताया कि प्रदूषण का स्तर जांचने के लिए एमपीसीबी और डब्लूएचओ के तरीकों में अंतर है। सामान्यत: पीएम10 का 100 तक का स्तर ‘स्टैंडर्ड’ माना जाता है। हालांकि भारत में धूल का असर अधिक दिखता है, इसलिए 105 तक भी मॉडरेट मानते हैं। रही बात मुंबई या महाराष्ट्र की, तो यहां प्रदूषण को जांचने के लिए लगे मॉनिटर सिस्टम बाकी शहरों से अधिक हैं।

डब्लूएचओ की रिपोर्ट पर बात करते हुए सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी वेदर फोरकास्ट ऐंड रिसर्च के परियोजना निदेशक डॉ. गुर्फान बेग ने कहा कि मुंबई में इतना भी प्रदूषण नहीं है, जितना डब्लूएचओ की रिपोर्ट में बताया गया है। 2016 में मुंबई एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 60 दिन ‘अच्छा’, 109 दिन संतोषजनक, जबकि 81 दिन सामान्य श्रेणी में रहा। ऐसे में साफ है कि मुंबई की हवा इतनी भी खराब नहीं। प्रदूषण के के बारे में एमपीसीबी के वर‍िष्‍ठ अध‍िकारी पीके म‍िराशे ने बताया, ‘मुंबई में गाड़ियों से निकलने वाला धुआं और निर्माण कार्य प्रदूषण के मुख्य कारणों में से एक हैं।’

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