वाशीनाका की जनता नारकीय जीवन जीने को मजबूर

मुंबई। स्वच्छ मुंबई, हरित मुंबई और स्वस्थ्य मुंबईकरों का सपना दिखाने वाले मनपा के आला कमान को परिमंडल पांच का वार्ड क्रमांक 155, 147 और 148 दिखाई नहीं देता है। क्योंकि इन वार्डों की झोपड़पट्टियों में बच्चों के खेलने का ग्राउंड या ज्येष्ट नागरीकों के लिए कोई भी पार्क अथवा जॉगिंग ट्रैक नहीं है। ऐसे में वाशीनाका परिसर की जनता कैसे स्वस्थ्य रहेगी? यहां कि जनता औद्योगिक क्षेत्र में रासायनिक प्रदूषण के बीच जीने को मजबूर है।

खबर के मुताबिक केमिकल्स कंपनियों से घिरे वाशीनाका परिसर में वायू प्रदूषण के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण का प्रकोप है। इसके अलावा भारी वाहनों की आवाजाही से सड़क जाम की समस्याओं से जूझती क्षेत्र की जनता नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। इसके बावजूद शहर के विभिन्न क्षेत्रों से परियोजना प्रभावितों को वाशीनाका परिसर में पुनर्वसन कराया जा रहा है। बता दें कि इस परिसर में आरसीएफ, एचपीसीएल, बीपीसीएल, टाटा पावर के अलावा अन्य कई केमिकल्स कंपनियां हैं। इन सभी कंपनियां से निकलने वाले के रासायनिक प्रदूषण का यहां की जनता को सीधा सामना करना पड़ता है। जानलेवा रोगों को जन्म देने वाले रासायनिक प्रदूषण से यहां की जनता बेहद परेशान है।

बता दें कि उपरोक्त कंपनियों की अपनी निजी कॉलोनी और एक के बजाय दो-दो, तीन-तीन ग्राउंड व जॉगिंग पार्क आदि हैं। जहां बाहरी लोगों के प्रवेश पर निषेद है। घनी आबादी वाले वाशीनाका की साढ़े पांच लाख से अधिक जनता व उनके बच्चे खेलने या खुली हवा के लिए तरस जाते हैं। इसके अलावा कई बार डॉक्टरों द्वारा मरीजों को धूप में जाने की सलाह दी जाती है। ऐसी सूरत में यहां के मरीजों के लिए असमंजस की स्थिति बन जाती है, क्योंकि धूप के चक्कर में रोड पर जाने से दुर्घटना की संभावना है। चूंकी यहां ग्राउंड, पार्क या जॉगिंग ट्रैक नाम की कोई चीज नहीं है।

इससे साबित होता है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिक द्वारा वाशीनाका की जनता से सौतेला व्यवहार के साथ-साथ उनके जीवन से साथ खिलवाड़ भी किया जा रहा है। क्योंकि एक तरफ मनपा स्वच्छ मुंबई, हरित मुंबई और स्वस्थ्य मुंबईकरों का सपना दिखा रही है। वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र में जो जगह खाली थी उसे भी कहीं एसआरए तो कहीं निजी बिल्डरों द्वारा इमारत बनवाई गई है। शहर मुंबई या उपनगरों की तुलना घनी आबादी वाले वाशीनाका परिसर से की जाए तो इस खबर की सच्चाई खुद ब खुद सामने आ जाएगी। ऐसे में मनपा का मुंबईकरों के स्वस्थ्य के प्रति चिंता जताने का दावा बेबुनियाद है।

उल्लेखनीय है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका पर शिवसेना का कब्जा है। वहीं दूसरी तरफ दक्षिण मध्य मुंबई के सांसद राहूल शेवाले हैं, चेंबूर के विधायक प्रकाश फातर्पेकर, अणुशक्तिनगर के विधायक तुकाराम काते, मनपा एम पूर्व में नगरसेविका अंजली नाईक व निधि शिंदे हैं तथा पश्चिम में नगरसेवक श्रीकांत शेटो हैं। इसके बावजूद इस परिसर की झोपड़पट्टियों के मतदाता जनता के लिए कोई ग्राउंड या ज्येष्ट नागरीकों के लिए पार्क अथवा जॉगिंग ट्रैक नहीं है।

 


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