मुंबई में ओला-उबर चालकों की हड़ताल जारी

साभार/ मुंबई। ओला-ऊबर ड्राइवर अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर हड़ताल पर चले गए हैं। सोमवार को ड्राइवरों ने राज्य सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग लेकर विधान भवन तक मार्च निकाला। ऐसे में इस दौरान मुंबईकरों को कैब बुक करने में खासा मशक्कत करनी पड़ी। रविवार को भी जहां 70 प्रतिशत तक ओला-ऊबर कैब ऑफलाइन रहीं, सोमवार को यह आंकड़ा और भी बढ़ा। ओला-ऊबर कैब ड्राइवरों ने अपने परिवारों के साथ विधान भवन तक मार्च निकाला और राज्य सरकार को मांगपत्र सौंपा।

कैब ड्राइवर चाहते हैं कि अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उनकी सुनवाई करें और मामले का हल निकालने के लिए हस्तक्षेप करें। महाराष्ट्र राज्य राष्ट्रीय कामगार संघ नेता सचिन अहीर ने कहा था कि शनिवार रात तक न तो कैब सेवा प्रदाता फर्म की ओर से उन्हें बात करने बुलाया गया और न ही किसी नेतृत्व ने उनसे बात की। यही कारण है कि हड़ताल जारी रखी गई है। कुछ साल से कैब ड्राइवरों की मांग लंबित थी। इसके चलते ओला और ऊबर के ड्राइवरों ने दिवाली से पहले 12 दिनों तक हड़ताल की थी। दिवाली शुरू होने से पहले परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने नाराज ड्राइवरों के प्रतिनिधि मंडल के साथ बैठक की।

बैठक में 15 नवंबर तक मामले को सुलझा लेने की बात कही गई थी, लेकिन कोई सकारात्मक हल नहीं निकलने पर दोबारा हड़ताल का निर्णय लिया गया। मामले में ऊबर के प्रवक्ता की ओर से बयान जारी किया गया था। इसमें बताया गया है कि हाल ही में बढ़े ईंधन के दामों से ड्राइवरों की कुल आय प्रभावित हुई है। इसे देखते हुए ऊबर की ओर से नैशनल फ्यूअल प्राइस इंडेक्स तैयार की गई है, इससे देशभर में ड्राइवरों की बराबर कमाई होगी। इस योजना की शुरुआत मुंबई से की जा रही है।

मुंबई में ओला-ऊबर ड्राइवरों की यह दूसरी हड़ताल है। अधिकांश ड्राइवरों में चर्चा थी कि सर्विस देने पर हड़ताल का समर्थन करने वाले ड्राइवरों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। इसे अफवाह मानकर ओला की ओर से बयान जारी कर ड्राइवरों को बताया गया है कि उनके साथ ऐसी कोई घटना नहीं होगी। ड्राइवरों से मारपीट करने वाली घटनाएं अफवाह भर हैं, जिन पर ध्यान न देते हुए काम पर लौटें। उनकी जरूरतों का कंपनी की ओर से खयाल रखा जाएगा।

 


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