नेहरूनगर पुलिस की सक्रियता लाई रंग

शिंदे ने अवार्ड देकर आव्हाड को किया सम्मानित

मुश्ताक खान/ मुंबई। हाल के दिनों में तीसरी आंख यानी सीसीटीवी काफी मददगार और कारगार साबित हो रही है। इसकी ताजा मिसाल कुर्ला में देखने को मिला, मंगलसूत्र व अन्य गहनों से भरा पर्स तीसरी आंख की मदद से पुलिस ने महज पांच घंटे में दंपत्ति को लौटाया। इस मामले को सफलता पूर्वक हल करने वाले पुलिस नाईक संजय सुखलाल आव्हाड को नेहरूनगर पुलिस के सीनियर पीआई विलास शिंदे (Senior PI Nehru Nagar Vilas Shinde) ने लिफाफा बंद अवार्ड देकर सम्मानित किया।

खबर के मुताबिक कुर्ला पश्चिम (Kurla west) निवासी अजिंक्या शिवगण और उनकी पत्नी अक्षदा ए शिगवन नेहरूनगर स्थित शिवश्रृष्टी (Shivsrishti) के एसटी डेपो (ST Depo) से रत्नागिरी जाने वाले थे। लेकिन उनकी जमा पुंजी पर्स गुम हो जाने से उन्हें रूकना पड़ा। कुर्ला पूर्व स्थित एसटी डेपो से रत्नागिरी स्थित खेड़ जाने के लिए बस रवाना हुई। अजिंक्या और उनकी पत्नी बस में बैठे रत्नागिरी पहुंचने के बाद की चर्चा में लीन थे। इस दौरान बस छेड़ानगर तक पहुंची थी, यहां बस कंडक्टर उनके पास टिकट के लिए आया। कंडक्टर को देख अक्षदा ने अपना पर्स ढूंढना शुरू किया, जो उसके पास नहीं था।

इस पर पति पत्नी में थोड़ी नोक-झोंक भी हुई, अंतः दोनों ने बस कंडक्टर से पर्स गुम होने की बात कह कर माफी मांगी और छेड़ानगर जंक्शन (Chheda nagat Junction) के पास बस से उतर गए। गांव पहुंचने का सपना देख रही इस जोड़ी को जोर का झटका लगा। लेकिन अक्षदा अपने दिमाग पर जोर डाल रही थी कि उसने अपना पर्स कहा छोड़ा है। इसकी शिकायत अजिंक्या शिगवन और उनकी पत्नी अक्षदा ने नेहरूनगर पुलिस स्टेशन में कर दी। यह वाकया सोमवार की शाम करीब 6.45 बजे की है।

इसके बाद सीनियर पीआई विलास शिंदे ने अपनी टीम को अलर्ट कर दिया व इलाके के सीसीटीवी के फुटेज खंघालने का काम शुरू हुआ। आखिरकार नेहरूनगर पुलिस को सीसीटीवी की मदद से सुराग मिला। फुटेज के अनुसार अक्षदा ने बस पकड़ने की जल्दबाजी में आपना पर्स डेपो के जनरल स्टोर्स में खरीदारी के दौरान छोड़ दिया था। उक्त पर्स में तकरीबन 3.5 तोला का एक सोने का मंगलसूत्र, एक जोड़ी चांदी का पायल और करीब एक हजार रूपये थे। पर्स पर दुकानदार की नजर नहीं पड़ी। इस दौरान विनोद कारिंदे नामक दूसरा ग्राहक उक्त पर्स को उठा लिया, कारिंदे अपने किसी रिश्तेदार को बस पर चढ़ाने के लिए शिवश्रृष्टी डेपो में आया था।

भारी बारिश के कारण कारिंदे ने योजना बनाई की कल यानी मंगलवार को वह नेहरूनगर पुलिस थाने में जाकर पर्स दे देगा। लेकिन नेहरूनगर पुलिस स्टेशन के सीनियर पीआई शिंदे के आदेश पर पुलिस नाईक आव्हाड ने सीसीटीवी की मदद से पहले बस का नंबर निकाला फिर उसके कंडक्टर का मोबाईल नंबर निकाला। इसके बाद आव्हाड ने कारिंदे के रिश्तेदार से चलती बस में बात चीत कर उसकी जानकारी निकाली। बताया जाता है कि भारी बारिश के दौरान बस के पुणे पहुंचने से पहले पुलिस टीम के आव्हाड करीब 4 घंटे में धारावी स्थित विनोद कारिंदे को ढूंढ निकाला।

यहां चौंकाने वाली बात यह है कि कारिंदे ने सारी हकीकत बयान करने के बाद नेहरूनगर पुलिस स्टेशन में आकर जस का तस उक्त पर्स को पुलिस के हवाले कर दिया। इसके बाद पुलिस ने अजिंक्या शिवगण और उसकी पत्नी अक्षदा को पुलिस स्टेशन में बुलाकर उसका खोया हुआ पर्स व उसके अंदर रखे तकरीबन 3.5 तोले का मंगलसूत्र, चांदी का पायल और एक हजार रूपये सीनियर पीआई शिंदे ने अपने मातहत काम करने वाले पुलिसकर्मियों के सामने लौटा दिया। अपना खोया हुआ सारा सामान सुरक्षित मिलने पर पति पत्नी दोनों ने नेहरूनगर पुलिस के साथ-साथ मुंबई पुलिस का आभार माना। वहीं फास्ट डिटेक्शन के लिए सीनियर पीआई विलास शिंदे ने बंद लिफाफा में नगद राशि बतौर अवार्ड देकर आव्हाड को सम्मानित किया।

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