कोरोना की जाँच पाँच गुना बढ़ाने की आवश्यकता: डॉ तिवारी

मेडिकल वर्ल्ड में डॉ आशीष तिवारी एक ऐसा नाम है, जिन्होंने बतौर एक सीनियर फिजीशियन और मैनेजमेंट कंसल्टेंट अपनी सेवाएं देकर हेल्थकेयर के क्षेत्र में एक अलग मुकाम हासिल किया है। श्री तिवारी को मुंबई के नामचीन अस्पतालों जैसे बांबे हास्पिटल, उमराव हास्पिटल्स, जाइनोवा हास्पिटल्स आदि से जुड़ने और बड़े पैमाने पर कई जन जागरूकता का कैम्पैन चलाने का अनुभव भी हासिल है। फिलहाल वे देश के कुछ बड़े हास्पिटल ग्रुप्स के कंसल्टेंट हैं और अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जब से Covid-19 का प्रकोप शुरू हुआ है लोगों के दिलो दिमाग पर इस महामारी से संबंधित कई शंकाएं और चिंताएं हावी हो रही हैं।
जगत प्रहरी के विशेष प्रतिनिधि आनंद मिश्र ने डॉ तिवारी से इस बाबत बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश:

डॉ आशीष तिवारी

सवाल: डॉक्टर तिवारी जी, पहले तो यह बताइये कि जब कोविड-19 की कोई दवा ही नहीं है तो जो मरीज ठीक हो रहे हैं उन्हें किस तरह की दवाएं दी जा रही हैं ?

जवाब:  यह सच है कि कोविड-19 की कोई प्रामाणिक दवा अभी तक नही बनी है। पर कई तरह की एक्सपेरीमेंटल दवायें और उपचार के तरीके प्रयोग में लाये जा रहे हैं । सबके अपने अपने दावे हैं जिन्हें कसौटी परखरा उतरना बाकी है। आमतौर पर कोरोना वायरस नहीं, परंतु इसके लक्षणों का उपचार किया जा रहा है, जिससे रोगियों की बड़ी संख्या ठीक हो रही है।

सवाल: इस महामारी के इलाज के लिए दवा औऱ वैक्सीन मार्केट में कब तक आने की उम्मीद है ?

जवाब:  दवा कुछ महीनों में आ सकती है और वैक्सीन के आने में 6-12 महीने का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि इससे पहले भी कोई अच्छी खबर मिल सकती है।

सवाल: क्या आपको लगता है कि अब भारत में कोरोना  का प्रसार कम्युनिटी के स्तर पर फैल चुका है? इसे रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए ?

जवाब:  परिस्थियों को देखकर अनुमान तो ऐसा ही लगरहा है, परंतु जब तक सरकार आधिकारिक घोषणा न करे इसे कहना ठीक नही होगा। अब रोकथाम की स्ट्रैटेजी और मेहनत का स्तर बदल जायेगा। प्रश्न यह है कि क्या हम कम्युनिटी लेवल पर प्रभावी रूप से लड़ने को तैयार हैं।इसका उत्तर तो सरकार ही दे सकती है और आने वाला समय हमें सब दिखा देगा।

सवाल: इसका परमानेंट इलाज खोजे जाने तक और आम जनता तथा सरकार को क्या करना चाहिए?

जवाब:  जनता को बचाव के मूलमंत्र गाँठ में बाँध लेना चाहिए। याद रखने का एक सरल तरीका SMS है। SMS यानि कि Sanitisation, Mask और Social Distancing….यही SMS हमें कोरोना से बचा सकता है। इसका हमें पालन करना ही होगा।

सवाल: इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हमें क्या करना चाहिए?

जवाब:  इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हेल्दी डायट लेते रहें। नियमित व्यायाम करें, सप्ताह में कम से कम 3 बार 15 मिनट तक धूप का सेवन करें। 8 घंटे की नींद और पानी बार बार पीते रहें। साथ ही साथ तनाव पर नियंत्रण रखें।

सवाल: क्या इस महामारी को रोकने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के फ्रंट पर सरकार नाकाम रही है और क्या शुरू में ही अगर बड़े पैमाने पर टेस्टिंग किए जाते तो इस समस्या का प्रभावी तरीके से निदान हो सकता था ?

जवाब: कोरोना मैनेजमेंट को लेकर जो आसानी आरंभ केदिनों में थी वो अब धीरे- धीरे कठिन होती जा रही है। फिर भी रोज होने वाली जाँचों को कम से कम पाँच गुना बढ़ाने की आवश्यकता है और कांटैक्ट ट्रेसिंग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

सवाल: क्या एपिडेमिक और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट कासरकार और अन्य संस्थाएं ठीक से पालन कर रही हैं ?

जवाब: एक्ट सरकारों को काम करने में सहूलियतें देता है पर मंशा ही कमजोर हो तो एक्ट क्या सहायता करेगा। यदि केन्द्र और राज्यों की एक संयुक्त समिति बन जाती तो आज कोरोना प्रबंधन का परिदृश्य कुछ और होता। सिस्टम में पारदर्शिता की आवश्यकता है। समस्या का निदान तभी संभव है जब उसकी गंभीरता का पता हो।

 सवाल: आपके हिसाब से इसका लाइन आफ ट्रीटमेंट कैसा होना चाहिए ?

जवाब: चूंकि अब लॉकडाउन खत्म होने की कगार पर है अतः देश अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों की ओर लौटेगा।ऐ से में उन्हे लगातार जागरूक करते रहना ही एक प्रभावी उपाय दिख रहा है। वरना प्रामाणिक उपचार के आने के पहले के दिन किसी के लिए भी खतरनाक हो सकते हैं।

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