ठेकेदार से परेशान मुकुंदनगर की जनता

मनपा के अधिकारी मौन

संवाददाता/ मुंबई। माहुल के म्हाडा कॉलोनी (Mhada colony) के बाद हाल ही में मनपा द्वारा महज चंद घंटों की नोटिस देकर जबरन वाशीनाका के मैसूर कॉलोनी स्थित मुकुंद नगर (Mukund Nagar) शिफ्ट कराये गए लोग बेहद परेशान है। वाशीनाका (Vashinaka) के परियोजना प्रभावितों को 6 नवंबर दोपहर करीब 4 बजे के बाद मुकुंदनगर में दशकों पहले बनी जर्जर इमारतों में शिफ्ट कराया गया है। इन इमारतों की दीवारें मामूली पेंटिंग पर टिकी हैं। वहीं इन इमारतों के फर्श से गाहे बगाहे कीड़े मकोड़े भी निकलते है। जो की मानव जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब डेढ़ दशक पूर्व मैसूर कॉलोनी स्थित मुकुंदनगर में चरिश्मा बिल्डर द्वारा 13 इमारतें बनाई गई थी, जो अब लगभग जर्जर हो चुकी हैं। चूंकि सभी 13 इमारतें खाली पड़ी थी, इसे भूत बंगला भी कहा जाता था। इस दौरान इन इमारतों के दरवाजे, खिड़कियां और नल आदि अज्ञात लोगों ने चोरी कर ली। अब उन्हीं इमारतों को मनपा द्वारा ठेकेदारों से रंग रोगन करा कर शहर व उपनगरों के मुंबईकरो को माहुल के म्हाडा कॉलोनी की तरह जबरन मुकुंदनगर भेजा गया है। वाशीनाका के इस्लामपुरा और शरदनगर के रहिवासियों ने माहुल जाने के बजाय मुकुंदनगर में शिफ्टिंग के लिए मनपा को आवेदन भी दिया था।

उक्त आवेदन के बाद वार्ड ऑफीसर पृथ्वीराज चव्हाण व उनके मातहत काम करने वाले अधिकारियों ने अश्वासन भी दिया था। यानी सब कुछ ठीक -ठाक चल रहा था। इस बीच यहां के रहिवासी ईद-ए-मिलाद-उन-नबी की तैयारियों में जुटे थे। वहीं अचानक मनपा एम पश्चिम मेनटेनेंस विभाग द्वारा 7 नवंबर 2019 को विभागीय अधिकारियों ने इस्लामपुरा में तोड़क कार्रवाई का फरमान जारी कर दिया। बता दें की इस्लामपुरा के रहिवासियों ने 15 मार्च 2019 को मुकुंदनगर जाने की सहमति जताई थी। वहीं 6 नवंबर को करीब 4 बजे के बाद मुकुंदनगर के आवासों की चाभी लोगों को दी गई। यहां चंद घंटों की मोहतल में लोगों का काफी नुकसान हुआ। वहीं दूसरी तरफ जर्जर इमारत में कहीं पानी तो कहीं बिजली की समस्याएं बनी हुई थी। ऐसे में इस्लामपुरा और शरदनगर से शिफ्ट होकर मुकुंदनगर आए लोगों के सामने अन्य चुनौतियों का सामना करना बाकी है।

मनपा का ठेकेदार उमित कॉरपोरेशन

वाशीनाका के मैसूर कॉलोनी स्थित मुकुंद नगर की 13 जर्जर इमारतों की दुरूस्तीकरण का ठेका उमित कॉरपोरेशन ने लिया था। अब मुंबई के विभिन्न स्थानों से मुकुंदनगर में शिफ्ट हुए लोग परेशान हैं। ठेका कंपनी के कर्मचारियों से इमारतों से जुड़ी शिकायत करने पर कई बार ऐसा जवाब मिलता है की उक्त काम का ठेका मैने नहीं लिया है। इस तरह फिलहाल यहां ढेरों समस्याएं हैं जिनका सामना हाल ही में यहां आए लोगों को करना है। ठेका कंपनी के सुस्त रवैये के कारण कई लोग परेशान हैं। बता दें की बिल्डिंग नंबर 17 से 29 तक की इमारतों को सुधारने का काम उमित कॉरपोरेशन ने लिया है। उमित कॉरपोरेशन के कार्यों की समीक्षा होनी चाहिए। क्योंकि जल्दबाजी में सही काम नहीं हो रहा है।
गौरतलब है की मुकुंदनगर की जर्जर इमारतों में आने से पहले वाशीनाका के परियोजना प्रभावितों ने मनपा के अधिकारियों से दो चार दिनों का समय मांगा था। लेकिन मनपा एम पश्चिम के अधिकारियों ने किसी की नहीं सुनी। जबकि वाशीनाका की जनता खुद यह आना चाहती थी। बहरहाल जर्जर इमारतों का क्षेत्रफल भी 225 स्कवॉयर फीट से कम होने की शंका जताई जा रही है। जबकि राज्य सरकार के मौजूद नियमानुसार 300 स्कवायर फीट से अधिक है।

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