लोकल की छत पर जलता रहा यात्री

पत्रकारों की मदद से पहुंचा अस्पताल

मुंबई। मंगलवार की रात 11:42 में छात्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल (सीएसटीएम) से वाशी जाने वाली लोकल ट्रेन के छत पर एक व्यक्ति ओवर हेड वायर की चपेट में आ गया। इससे उसके शरीर में आग लग गई। चश्मदीदों के अनुसार प्लेफार्म नंबर दो पर मौजूद यात्री उसे बचाने का प्रयास कर रहे थे। वहीं जीआरपी और आरपीएफ के जवान यात्रियों को खदेड़ने में लगे थे और इधर युवक धूं-धूं कर जल रहा था। इतना ही नहीं स्टेशन पर खड़ी एंबुलेस तो थी लेकिन चालक नदारद था। फिर 108 का सहारा लिया गया लेकिन वह भी कागर साबित नहीं हुआ। क्योंकि उसमें डॉक्टर मौजूद नहीं था।

चशमदीदों के अनुसार मंगलवार रात 11:42 की वाशी जाने वाली ट्रेन के छत पर एक अज्ञात युवक ओवर हेड वायर की चपेट में आ गया और धूं-धूं कर जलने लगा। मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी ए के जैन के अनुसार जलने वाला अज्ञात युवक 50 प्रतिशत जला है। चश्मदीदों में सीएसटीएम स्टेशन पर दबंग दुनिया के संपादक उन्मेष गुजराती, नागमणि पांडे, सुशील राय, भरत मालवे आदि खड़े थे। नागमणि पांडे के अनुसार इस ट्रेन के छत पर एक व्यक्ति ओवर हेड वायर की चपेट में आ गया। इस दौरान एक ब्लास्ट हुआ, आवाज सुनकर लोगों का ध्यान उधर गया, इस समय लगों को शक हुआ की जलने वाला व्यक्ति मर गया होगा। लेकिन वह व्यकित जिंदा था और जल रहा था। इस दौरान जीआरपी और आरपीएफ के जवान बचाव में आने वाले यात्रियों को खदेड़ने और सिर्फ देखने मे जुटे थे। सीएसटीएम के प्लेटफार्म नंबर दो के यात्री बार बार ओवर हेड वायर की चपेट में आए युवक को बचाने व उसे अस्पताल पहुंचाने की गुहार लगा रहे थे। लेकिन पुलिस उन्हें भगाने में लगी थी।

इस दौरान जीआरपी और आरपीएफ के जवान वरिष्ठ पत्रकारों को भागने को कहा तो यात्रियों के साथ सभी पत्रकार भी उक्त युवक को बचाने में लग गए। यात्रियों को गुहार को नजरअंदाज करने वाले पुलिस कर्मियों की जांच कर उन्हें दंडित करने की जरूरत है। बहरहाल पत्रकारों द्वारा सहयोग में उतरने के बाद पुलिस वालों की एक न चली और सभी यात्रियों की मदद से अर्द्ध जले व्यक्ति को बचाने की कोशिशे जारी हुई। इस दौरान वह खुद ब खुद ऊपर से नीचे गिरा और सभी लोगो ने उसे हाथों हाथ उठा लिया।

जैसे ही वह नीचे गिरा आरपीएफ का एक कमांडो आगे आया और यात्रियों को भगाने लगा। लेकिन यात्रियों के गुस्से के सामने उसकी एक ना चली। उस जख्मी को लेकर बाहर गए तो रेलवे का एम्बुलेंस (एमएच 01 एल, 6713) बंद पड़ा था। वहां कोई नही था। इसके बाद उसे 108 एम्बुलेंस (एमएच 14 सीएल 1429) पर ले गए। लेकिन वहां डॉक्टर मौजूद नही था सिर्फ ड्राइवर था। ड्राइवर से पूछे जाने पर वह बोला डॉक्टर नही है। जख्मी व्यक्ति को आखिर कार बांधकर सेंट जॉर्ज अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद रेलवे की इस लापरवाही की शिकायत स्टेशन मास्टर से की गई।

वरिष्ठ पत्रकार नागमणि पांडे ने बताया कि इस संबंध में मैं खुद आगे की जानकारी लूंगा। ताकि यह पता चले की आखिर कार उस व्यक्ति का क्या हुआ। संपादक उन्मेष गुजराथी, नागमणी पांडे, सुशील राय, भरत मालवे ने कहा जो भी हो मुंबई के लोग दिलदार होने केसाथ-साथ दयावान भी हैं। क्योंकि किसी भी आपात की परिस्थतियों में मदद के लिए सबसे आगे आते है। पत्रकार बंधुओं ने कहा घटना के समय मौजूद यात्रियों ने बहुत मदद की इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। फिलहाल अज्ञात युवक का इलाज सीएसटीएम केसेंट जॉज हॉस्पिटल में चल रहा है। लेकिन रेलवे प्रशासन का क्या?

 


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