निवेश में फिसड्डी साबित हो रहा महाराष्ट्र!

मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हमेशा दम भरते रहते हैं कि निवेश के मामले में महाराष्ट्र पहले स्थान पर है। लेकिन कांग्रेस ने केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रीयल पॉलिसी एंड प्रमोशन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर आ गया है। अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर विश्वास किस पर करें, मोदी सरकार के आंकड़ों पर या फिर फडणवीस सरकार के दावों पर?

महाराष्ट्र कांग्रेस प्रवक्ता सचिव सावंत ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन कर निवेश संबंधी मामलों पर फडणवीस सरकार की पोल खोली। केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के इंडस्ट्रीयल पॉलिसी एंड प्रमोशन की रिपोर्ट के आंकड़े सामने रखते हुए सावंत ने बताया कि 2015 में गुजरात में 63,823 करोड़, छत्तीसगढ़ में 36,511 करोड़, कर्नाटक में 31,544 करोड़ और महाराष्ट्र में 32,919 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव आया था। मगर 2016 में कर्नाटक में एक लाख 54,131 करोड़, गुजरात में 53,621 करोड़ और महाराष्ट्र में 38,084 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव ही आया।

कांग्रेस प्रवक्ता सावंत ने इस साल जनवरी से सितंबर के आंकड़े रखते हुए कहा कि नौ महीने में कर्नाटक में 1 लाख 47 हजार 625 करोड़ रुपये, गुजरात में 65 हजार 741 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र में 25 हजार 18 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव आए। इन आंकड़ों से साबित होता है कि निवेश के मामले में महाराष्ट्र काफी पीछे चला गया है। पड़ोसी राज्य गुजरात ने महाराष्ट्र को काफी पीछे छोड़ दिया है।

केंद्रीय सरकारी आकड़ों को रखते हुए प्रवक्ता सावंत ने बताया कि महाराष्ट्र में 2010-11 में 27,669 करोड़, 2011-12 में 44,664 करोड़ और 2012-13 में 35,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। उस अवधि में देश के कुल निवेश का केवल 5 फीसदी हिस्सा गुजरात को मिला था। सावंत ने दावा किया कि कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार में महाराष्ट्र हमेशा पहले स्थान पर रहता था। देश में हुए कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का एक तिहाई हिस्सा महाराष्ट्र के हिस्से आया था, लेकिन भाजपा-शिवसेना सरकार के समय महाराष्ट्र में निवेश तेजी से घटा है। निवेश में पिछड़ने के लिए सावंत ने भाजपा-शिवसेना सरकार की अक्षमता को जिम्मेदार ठहराया।

मेक-इन-महाराष्ट्र के तहत मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया था कि उनकी सरकार ने 8 लाख करोड़ रुपये के निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। उसके चंद दिन बाद ही मुख्यमंत्री ने 1953 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर अमल की बात कही थी। भाजपा सरकार के तीन वर्ष पूरा होने पर मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि राज्य में 1 लाख 29,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। उद्योग मंत्री सुभाष देसाई दम भर रहे थे कि देश में हुए कुल विदेशी निवेश का 50 फीसदी महाराष्ट्र में ही हुआ है, लेकिन केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों ने महाराष्ट्र सरकार की पोल खोल दी है। अब सवाल पूछे जा रहे हैं कि आखिर किसके आंकड़ों और दावों पर विश्वास किया जाए।

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