आर्थिक संकटों जूझ रही केडीएमटी

जल्द ही बढ़ेगा बसों का किराया

कल्याण। केडीएमटी परिवहन प्रशासन द्वारा यात्री टिकट को बढ़ाने पर चल रहा थी, आखिरकार भाड़ा बढ़ाने के प्रस्ताव को विभाग ने हरी झंडी दे दी है। इसके तर्क में कहा गया है कि ईंधन का मूल्य में वृद्धि होने की वजह से यह फैसला लिया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार महासभा में मान्यता मिलने के बाद नए सिरे से किराया वसूल किया जाएगा। केडीएमटी प्रशासन इस समय आर्थिक संकटों से जूझ रही है। मौजूदा समय में केडीएमटी परिवहन प्रशासन की 218 बसों में से केवल 70 ही सड़क पर चल रही हैं। इनकी भी नियमित देखभाल और मरम्मत के लिए विभाग के पास पैसा नहीं है। पैसों के अभाव में कई बसें डिपो में खड़ी सड़ रही है। केडीएमटी उपक्रम को मिलने वाले पूरे उत्पन्न में से 55 प्रतिशत केवल ईंधन पर खर्च करना पड़ता है, बाकी बचे हुए पैसों से गाड़ियों की मरम्मति, कर्मचारियों का वेतन भी पूरा नहीं होता।

218 बसों में से 70 बसें सड़क पर बाकी बीमार

जिसके कारण कर्मचारी भी ठीक से काम नहीं करते। वहीं दूसरी तरफ परिवहन विभाग शहर में व्यस्त यातायात और व्यस्त सड़कों का हवाला देकर नुकसान होने का दावा कर रहा है। केडीएमटी प्रशासन का कहना है की ट्रैफिक की समस्या की वजह से प्रतिदिन केडीएमटी उपक्रम को डेढ़ लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। अपने तमाम नुकसान की भरपाई करने के लिए लंबे समय से केडीएमटी प्रशासन द्वारा टिकटो के मूल्य में बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव परिवहन समिति के पास भेज रखा था। आखिरकार परिवहन समिति ने भाड़ा बढ़ाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे ही दिया।

परिवहन व्यवस्थापक मारुति खोडके ने बताया कि शासन की अधिसूचना के अनुसार सार्वजनिक परिवहन उपक्रम के तहत नागरिकों से वसूले जाने वाले यात्री किराए के नियमों को ध्यान में रखते हुए किराए में बढ़ोतरी की गई है। अब भाड़ा बढ़ोतरी के प्रस्ताव को आखरी मंजूरी और अमल में लाने के लिए महासभा की मुहर लगनी बाकी है। जिसके बाद अब यात्रियों को बढ़े हुए दर से किराया देना पड़ेगा।




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