चुनौती भरे पर्यावरण के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम

नवी मुंबई। नई शिक्षा प्रदान करने कोशिश में डीवाय पाटील विश्वविद्यालय (DY Patil University) में स्कूल ऑफ लॉ (School of Law) द्वारा हाल ही में दुनिया में पर्यावरण कानून (Environmental Law) के मुद्दे और चुनौतियां की बहु-विषयक थीम पर दूसरा अंतर्राष्ट्रीय संकाय विकास कार्यक्रम का आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उदघाटन सावित्रीबाई फुले पूणे विश्वविद्यालय (Saviribai Phule Pune University) के संचार और पत्रकारिता विभाग की प्रमुख डॉ. उज्ज्वला बर्वे (Dr. Ujjawala Barve) ने बतौर मुख्य अतिथि किया। उन्होंने उच्च शिक्षा संस्थानों के पाठ्यक्रम में पर्यावरण मॉड्यूल को शामिल करने पर जोर दिया।

वहीं कोलंबो विश्वविद्यालय, श्रीलंका की विधि संकाय डॉ.कोकिला लंकातिलके ने महत्वपूर्ण भाषण दिया। उन्होंने पर्यावरण के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय संधियों के बारे में एक अवलोकन प्रस्तुत किया। डॉ. लंकातिलके ने पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्य और गैर-राज्य कार्यकर्ताओं के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। चिन्मय विश्वविद्यापीठ (केरल) के स्कूल ऑफ एथिवस, गवर्नेंस, कल्चर एंड सोशल सिस्टम्स की प्रमुख डॉ. वाणीश्री रामनाथन ने मानव अधिकारों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर प्रकाश डाला।

उन्होंने 2018 में भारी बारिश और केरल के नागरिकों की जीवनशैली पर अपने अनुभवों को साझा किया। बॉम्बे हाईकोर्ट के एडवोकेट दोरमन दलाल ने रिट अधिकार क्षेत्र के सामने हरित अधिकरण पर अपना संबोधन दिया। उन्होंने राष्ट्रीय हरित अधिकरण की प्रकृति और अधिकार क्षेत्र पर भारतीय संविधान के रिट अधिकार क्षेत्र और राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अधिकार क्षेत्र के बीच के संघर्ष पर प्रकाश डाला।

संकाय के पास पुराने समाचार पत्रों से पर्यावरण के अनुकुल उत्पाद कैसे बनाए जाते है, यह सीखने का एक दिलचस्प अवसर था। उन्होंने खडकवासला डॅम की एक क्षेत्रीय यात्रा की। जहां उन्होंने डॅम की भंडारण क्षमता और प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों और मुद्दों पर जानकारी प्राप्त की। केंद्रीय जल और विद्युत अनुसंधान केंद्र, पुणे के वैज्ञानिक सेल्वा बालन द्वारा इस क्षेत्रीय यात्रा का मार्गदर्शन किया गया। इस कार्यक्रम में भारत सहित विदेश से करीब 60 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में पर्यावरण के क्षेत्र में नए नवाचारों पर तेरह शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। स्कूल ऑफ लॉ के प्रमुख डॉ. के के एस आर मूर्ती ने आईएफडीपी के उद्देश्य पर जोर देते हुए कहा कि विश्व स्तर पर, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण मानव जाति के सामने जलते पर्यावरण संबंधी मुद्दे हैं। पर्यावरण के क्षेत्र में अंतः विषय अनुसंधान के लिए संकाय को प्रोत्साहित करना आईएफडीपी का मुख्य उद्देश्य है। स्थिरता और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नवीनतम नवाचारों के विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करना ही इस कार्यक्रम का लक्ष्य है।


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