वाशीनाका में हर शाम लगता है जाम

ठेका कंपनी पर समाग्रह मिलावट की शंका

मुंबई। घाटे में चल रही न्यू इंडिया कंस्ट्रक्शन कंपनी (New India Construction Company) को वाशीनाका (Vashinaka) में कल्वर्ट बनाने का ठेका मनपा के एस डब्लू डी विभाग द्वारा दिया गया है। दिसंबर 2018 से चल रहे कल्वर्ट का काम जनवरी 2019 के अंत तक पूरा होना था। लेकिन मियाद से 6 माह अधिक बीत जाने के बाद भी करीब 11 x 11 मीटर के कल्वर्ट का काम अधूरा है। जिसके कारण यहां हर शाम रोड जाम रहता है। इससे आम जनता को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं दोपहर के बाद से शाम और देर रात तक स्कूलों के छात्रों का आवागमन भी बाधित होता है। इसके अलावा रोड जाम के कारण घरेलू महिलाओं को सब्जी, भाजी लेने के लिए घरों से निकलना दुश्वार हो गया है।

मिली जानकारी के अनुसार मनपा पूर्वी उपनगर के एस डब्लू डी विभाग द्वारा घाटे में चल रही न्यू इंडिया कंस्ट्रक्शन कंपनी को आरसी मार्ग (R C Marg) पर स्थित वाशीनाका में एक कल्वर्ट बनाने का ठेका डेढ़ करोड़ में दिया है। शायद इस कंपनी ने अपने औकात (बजट) से अधिक का काम ले लिया है। जिसके कारण यहां के नागरिकों की परेशानियां बढ़ गई है। इस कंपनी के पास हमेशा कुछ ना कुछ घटा ही रहता है, जिसके कारण करीब 11 x 11 मीटर के कल्वर्ट के निर्माण में इस कंपनी को करीब सात-आठ माह लग गए। इसके बाद भी मामला अधर में लटका है।

कल्वर्ट निर्माण में देरी का कारण
न्यू इंडिया कंस्ट्रक्शन के पास कभी मटेरियल की कमी होती है तो कभी लेबर का अभाव रहता है। हाल के दिनों में इस कंपनी के पास शेटरिंग के प्लाई की कमी थी। इसके बाद बारिश का बहाना बना कर एक माह तक काम बंद रखा, इसके बाद रॉड के इंतजार में 15 दिन लग गए, अब रॉड (स्टिल) को साइज से काटने के लिए कंपनी के पास कोई मशीन नहीं होने के कारण करीब दो सप्ताह से काम बंद है। ठेका कंपनी के सुस्त रवैये के कारण एक के बाद एक हर रोज समस्याएं उत्पन्न होती जा रही है।

कंपनी को कैसे मिला ठेका
यहां की जानता यह जानना चाहती है कि एक दशक बीतने के बाद जब दूसरे ठेकेदार को काम दिया गया, तो उसकी जांच क्यों नहीं की गई? इस कंपनी के मौके पर मौजूद मजदूरों का कहना है कि दो-तीन माह से उन्हे भी वेतन नही मिला है। ऐसे में माना जा रहा है कि कल्वर्ट का काम दिवालिया हो चुकी न्यू इंडिया कंस्ट्रक्शन कंपनी को रसूख के बल पर दिया गया है। बताया जाता है कि तंग रोड पर करीब एक दशक से चल रहे इस कल्वर्ट के कारण अनेक दुर्घटनाएं हो चुकी है। इन घटनाओं में करीब आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि घायलों की संख्या अनगिनत है।

कल्वर्ट के मटेरियल की जांच हो
स्थानीय नागरिकों का कहना है की मनपा के अभियंताओं की अनदेखी और घाटे में चल रही न्यू इंडिया कंस्ट्रक्शन के मटेरियल की जांच होनी चाहिए। स्थानीय समाजसेवक स्टीवन नडार ने बताया की कल्वर्ट बनाने से पूर्व जो दीवारें खड़ी की गई है, उसके नीचे फाउंडेशन बराबर नहीं होने के कारण बारिश के पानी का भारी रिसाव होता है। इस तरह स्थानीय नागरीकों की अलग -अलग शिकायतें हैं। बहरहाल इस कंपनी द्वारा बनाया जा रहा कल्वर्ट के मटेरियल आदि की जांच होने बेहद जरूरी है।

मियाद के बाद भी अधर में कल्वर्ट
इस मुद्दे पर साईट इंजीनियर से अमित दसुरकर से बात करने पर उन्होंने बताया कि आने वाले सप्ताह में इसकी कास्टिंग (ढलाई) की जाएगी। यहां सवाल यह उठता है कि मियाद के बाद 6 माह और देर होने का खामियाजा जनता को ही उठाना पड़ रहा है। फिलहाल यह बताना मुश्किल है कि करीब 11 x 11 मीटर के कल्वर्ट के निर्माण में और कितना समय लगेगा?


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