फुटपाथों से मलाई खाते मनपाकर्मी

फुटपाथ बनाओ अभियान फेल-समाजसेवक

विशेष संवाददाता/ मुंबई। मनपा का फुटपाथ बनाओ अभियान पूरी तरह फेल हो चुका है। इससे जनता को कोई फायदा नहीं है। इसका फायदा अब भी मनपा के अधिकारियों व कर्मचारियों को ही मिल रहा है। कुर्ला पूर्व स्टेशन से नेहरुनगर और अब ठक्कर बप्पा कॉलोनी तक आम मुंबईकरों के लिए बने फुटपाथों पर कहीं फेरीवाले तो कहीं स्थानीय दुकानदारों ने कब्जा कर लिया है। ऐसा स्थानीय समाजसेवकों का कहना है। समाजसेवक भास्कर म्हात्रे और अब्दुल कादर उर्फ डैनी का कहना है।

समाज सेवकों के अनुसार एस. जी. बर्वे मार्ग पर धंधा करने वालों से मनपा के अधिकारियों को बतौर हफ्ता मोटी रकम मिलती है। जिसके कारण इन लोगों पर कार्रवाई कम और दिखावा ज्यादा किया जाता है। जबकि मुंबईकरों को सुविधा मुहैया कराने के लिए मनपा द्वारा शहर की सड़कों के किनारे करीब चार फुट चौड़ा फुटपाथ और लोगों की सुरक्षा के लिए रेलिंग लगवाई गई है। ताकि सड़क दुर्घटनाओं को टाला जा सके और मुंबईकर आराम से इन फुटपाथों पर चल सकें। मनपा द्वारा नागरिकों के लिए बनाई गई यह योजना काबिले तारिफ है।

 

भास्कर म्हात्रे के अनुसार एस. जी. बर्वे मार्ग पर एक तरफ किराना घर तो दूसरी तरफ एशिया ग्रेन स्टोर के मालिकों ने फुटपाथ के साथ- साथ सड़क का किनारा भी घेर लिया है इसे सहज ही देखा जा सकता है। म्हात्रे के अनुसार मुंबईकरों को सुविधा पहुंचाने के नाम पर मनपा के आला अधिकारियों ने फुटपाथ बनाओ अभियान में ठेकेदारों से मोटी कमाई कर अपने चहेते को ठेका दिया। मौजूदा समय में मनपा एम पश्चिम और एल वॉर्ड की हद में आने वाले एस. जी. बर्वे मार्ग पर स्टेशन से नेहरुनागर और अब ठक्कर बप्पा कॉलोनी तक बने फुटपाथों पर कहीं फेरीवाले तो कहीं स्थानीय दुकानदारों का कब्जा है।

करीब एक किलोमीटर के एस. जी. बर्वे मार्ग के किनारे कई जगहों पर स्थानीय दादाओं द्वारा कब्जा कर किराये पर भी चलाया जा रहा है। जिसके कारण अब फुटपाथों को खाली कराने के बजाय कब्जाधारियों से मनपा के एल और एम पश्चिम विभाग के अधिकारियों व अतिक्रमण विभाग के कर्मचारियों द्वारा हर माह मोटी कमाई की जा रही है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि मुंबईकरों की सुविधाओं के लिए बने फुटपाथ और रेलिंग का लाभ किसे मिल रहा है? चूंकि टेंडर और ठेका देने के समय मनपा के उच्च अधिकारियों ने मोटी कमाई की और अब यह काम उनके नीचे के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा की जा रही है।

वहीं अब्दुल कादर उर्फ डैनी का कहना है कि सही मायने मे फुटपाथ बनाओ अभियान मनपा कर्मियों के लिए सदाबहार कमाई का जरीया बन गया है। यानी भ्रष्टाचार की गंगा में नहाते रहो। डैनी ने कहा कि दशकों से मनपाकर्मी धन उगाही कर मामले की लीपापोती करते आ रहे हैं। इसे देखते हुए मुंबई मनपा के इतिहास में पहली बार किसी IAS रैंक की अधिकारी को अतिक्रमण दस्ते का मुखिया बनाया गया। इस पद पर IAS निधि चौधरी की नियुक्ति की गई है। ताकि मनपा में मलाई खाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर शिकंजा कसा जा सके।

लेकिन श्रीमती चौधरी सार्वजनिक जगहों पर अतिक्रमण रोकने में नाकाम साबित हो रहीं हैं। हालांकि उन्होंने रेलवे परिसर के 150 मीटर दायरे के बाद नो हॉकिंग जोन की लक्ष्मण रेखा भी खींची। परंतु दुर्भाग्यवश वो लक्ष्मण रेखा इतनी कमजोर निकली कि वो कब की मिट चुकी है। इस बात को मनपा आयुक्त अजोय मेहता भी स्वीकार कर चुके हैं कि फुटपाथों का अतिक्रमण हटाना गंभीर समस्या है। जिसका समाधान वो प्राथमिकता के आधार पर करने का प्रयास कर रहे हैं।

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