मुंबई में अब प्‍लास्टिक और थर्माकोल बंद

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए बेहद अहम कदम उठाया है। सरकार ने प्लास्टिक और थर्माकोल के प्रयोग पर पूरी तरह से रोक लगा दिया है। यह आदेश रविवार से लागू हो जाएगा। इस बात का ऐलान पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने शुक्रवार को विधान मंडल के सदन में किया। आपको बता दें कि सरकार ने मुंबई के गटर-नालों को जाम होने का बड़ा कारा प्लास्टिक और थर्माकोल के उत्पाद हैं। बरसात के मौसम में इसकी वजह से नाले जाम होते हैं और जल भराव की समस्या सामने आती है। इसे देखते हुए सरकार ने इसकी बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।

प्रतिबंधित प्लास्टिक और थर्माकोल का उल्लंघन करने वालों को 3 महीने की जेल और 25 हजार रुपये तक जुर्माने की सजा हो सकती है। इस प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने पहले ही अपनी मंजूरी दे दी थी। पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने शुक्रवार को विधान मंडल के दोनों सदनों में प्लास्टिक और थर्माकोल पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया।

कदम ने कहा कि प्लास्टिक से बनाई जाने वाली थैलियों, थर्माकोल और प्लास्टिक से बनने वाली डिस्पोजेबल सामग्री भी इस कानून के दायरे में आएगी। इसमें प्लास्टिक की थाली, कप, प्लेट, ग्लास, कांटा चम्मच, कटोरी, स्ट्रॉ, कटलरी, स्प्रेड शीट्स, प्लास्टिक पाउच के इस्तेमाल पर पूरी तरह बैन लगाया गया है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के उत्पादन, इस्तेमाल, संग्रह, वितरण, थोक या फुटकर बिक्री, आयात पर संपूर्ण बैन होगा।

सन 2005 में मुंबई में आई बाढ़ के बाद से ही प्लास्टिक और थर्माकोल पर पाबंदी लगाने की मांग की जा रही है। अधिकारियों ने विस्तार से अध्ययन किया। हमारी पार्टी के युवा नेता आदित्य ठाकरे ने इस पर विशेष ध्यान दिया और इससे जुड़े लोगों से बात की, तब जाकर कानून बना है। अब इसे कड़ाई से लागू किया जाएगा।

दूध की पैकेजिंग के लिए, खाद्य पदार्थ भंडारण का दर्जा वाली 50 मायक्रॉन से मोटी प्लास्टिक थैली, पुनर्खरीदी पद्धति विकसित करने के लिए इस प्रकार की थैलियों को रीसाइकल करने के लिए पूर्वनिर्धारित कीमत, जो 50 पैसे से कम न हो और जो स्पष्ट रूप से छापी गई होनी चाहिए। खाली थैलियों को जमा करने की व्यवस्था विकसित करने के लिए दूध डेयरी, वितरण व विक्रेता के लिए खाली थैलियां खरीदना बंधनकारक होगा।

दवाओं की पैकिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक, वन व फलोत्पादन, कृषि, कचरा उठाने, पौधारोपण के लिए इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक थैलियां और प्लास्टिक शीट के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगाई गई है। सरकार ने बोतल बंद पानी पर अभी पाबंदी नहीं लगाई है। पानी की बोतलों के लिए एक रुपए और दूध की थैलियों के लिए 50 पैसे का पुनर्खरीद मूल्य निर्धारित किया गया है। दूध डेयरी, वितरक और विक्रेताओं के लिए थैलियां वापस खरीदना अनिवार्य होगा। पानी की बोलतों के उत्पादकों, विक्रेताओं और वितरकों को भी पुनर्खरीद की व्यवस्था करनी होगी।

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