GST से महाराष्ट्र को 20,000 करोड़ का नुकसान

मुंबई। महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) को लेकर भले ही उत्साह दिखाए, लेकिन अंदर ही अंदर सरकार डरी हुई है। क्योंकि जीएसटी लागू करने से उसे करीब 20, 000 करोड़ रुपये की चपत लगेगी। इसके अलावा उसे कई और विभागों से नुकसान हो रहा है। सरकार को डर है कि आने वाले दिन उनके लिए अच्छे नहीं होंगे। जीएसटी की विशेष बैठक जम्मू में चल रही है।

मौजूदा महाराष्ट्र सरकार का वित्त विभाग यह आकलन करने में जुटा है कि जीएसटी के आने से उसे क्या नफा और नुकसान होगा। महाराष्ट्र में आई बीजेपी सरकार ने 1 अगस्त, 2015 को राज्य से आंशिक एलबीटी हटाकर खूब वाहवाही लूटी थी। उस वक्त सरकार ने घोषणा की थी कि जिनका टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से कम होगा, उन्हें एलबीटी नहीं भरना होगा, लेकिन जिनका टर्नओवर 50 करोड़़ रुपये से ज्यादा होगा उन्हें एलबीटी भरना होगा।

व्यापारियों को यह छूट देना अब सरकार को भारी पड़ रहा है, क्योंकि जीएसटी के अंतर्गत केंद्र सरकार राज्यों को वही मुआवजा देगी जो कर वर्तमान में वसूल किया जा रहा है। एलटीबी हटाने से सरकार को साल में करीब 3,500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।

वित्त विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि, जीएसटी मुआवजे का नियम यह है कि जो टैक्स वसूल किया जा रहा है, उसका भी वह भुगतान करेगी। वहीं, महाराष्ट्र में सरकार ने एलबीटी कर माफ कर दिया है। ऐसे में वह किस अधिकार से केंद्र से एलबीटी का मुआवजा मांगेगी। महाराष्ट्र की मांग को केंद्र ने स्वीकार कर लिया तो इस तरह की छूट अन्य राज्यों को भी देनी होगी।

अधिकारी ने बताया कि जो टैक्स वर्तमान में वसूल किया जा रहा है, वह रकम केंद्र सरकार राज्य को हर साल 8 प्रतिशत बढ़त के साथ अगले 5 साल तक देता रहेगा। इसके अनुसार एलबीटी छूट देने से महाराष्ट्र्र सरकार को सीधे-सीधे 18,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। उस पर हर साल 8 प्रतिशित अतिरिक्त रकम से हाथ धोना पड़ेगा। यानी महाराष्ट्र सरकार को बड़ी चपत लगेगी।

इस भारी भरकम रकम के नुकसान की भरपाई राज्य सरकार कैसे करेगी। राज्य के वित्त विभाग के लिए यह यक्ष सवाल सामने खड़ा है। महाराष्ट्र सरकार को यह भारी भरकम रकम स्थानीय निकायों को देना ही होगा, जो इस वक्त सरकार नहीं दे पा रही है। इससे स्थानीय निकायों की आर्थिक सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। आने वाले दिन स्थानीय निकायों के लिए अच्छे नहीं दिन नहीं रहेंगे।

एलबीटी से राज्य सरकार को हर साल 7000 करोड़ रुपये की कमाई हो रही थी। जीएसटी लागू होने के बाद आधी रकम केंद्र सरकार से राज्य को मिलेगी, लेकिन बाकी रकम का क्या होगा? यह बड़ा सवाल है? मुंबई महानगरपालिका (मनपा) द्वारा ऑक्ट्रॉय खत्म नहीं करने से महानरगपालिका को फायदा होगा।

मनपा को करीब 7,000 करोड़ रुपये और उस पर 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ रकम मिलती रहेगी। पांच साल बाद मनपी को भी अपने आय के स्रोत बढ़ाने होंगे, क्योंकि केंद्र सरकार मनपा को सिर्फ 5 साल ही मुआवजा देगी।

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