अब भी सुलग रहा है बूचर आइलैंड

मुंबई। मुंबई के जवाहर द्वीप (बूचर आइलैंड) पर शुक्रवार शाम बिजली कड़कने की वजह से तेल के एक टैंक में आग लग गई। उसे बुझाने का प्रयास पिछले दो दिनों से लगातार जारी है। इसके बाद भी आग पर पुरी तरह काबू नहीं पाया जा सका है। एमबीपीटी के चेयरमैन संजय भाटिया ने दावा किया था कि तेल खत्म होने के बाद आग को बुझाने में 10 से 12 घंटे का वक्त लग सकता है, जबकि इससे कहीं ज्यादा वक्त बीत चुका है।

गेटवे ऑफ इंडिया से करीब आठ किलोमीटर दूर चेंबूर से सटे समुद्र के बूचर आइलैंड के एक ऑल टैंक में आसमानी बिजली कड़कने या गिरने की वजह आग लग गई। लेकिन दो दिन बीतने के बाद भी आग पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं किया जा सका है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि टैंक में भरा तेल अब तक खत्म कैसे नहीं हुआ। सवाल इस आग के बढ़ने को लेकर खतरे का भी है।

क्या है बूचर आइलैंड?

यह मुंबई से सटा टापू और बंदरगाह है। मुंबई में कच्चे तेल के आयात को भारत के पश्चिमी तट पर स्थित प्रमुख बंदरगाह जवाहर द्वीप पर नियंत्रित किया जाता है। इसका मुंबई पोर्ट द्वारा एक तेल टर्मिनल के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसका सीधा मतलब है कि दूर देशों से कच्चा तेल लेकर आने वाले जहाज यहां आकर रुकते हैं और उनसे कच्चा तेल यहां उतारा जाता है।

प्रतिबंधित है आम लोगों का प्रवेश

गेटवे ऑफ इंडिया से करीब आठ किलोमीटर दूर स्थित इस टापू की निगरानी कोस्टल गाई के अलावा मुंबई भी करती है। इस पर आम लोगों का आना मना है। दरअसल, इस द्वीप पर कच्चे तेल को बेचने और शुद्ध पेट्रोलियम उत्पादों को लोड करने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा है।

क्या है खतरा?

एमबीपीटी के चेयरमैन संजय भाटिया के मुताबिक कोशिश यही की जा रही है कि आग को सिर्फ एक टैंक तक ही सीमित रखा जाए। द्वीप पर कई गैलन पैट्रोलियम है और आग का उस तक पहुंचना तबाही का कारण बन सकता है। इसके अलावा कई घंटों से लगातार उठ रहा धुआं भी लगातार हवा में घुल रहा है, यह भी पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है। आग को काबू करने की चुनौती और भी ब़ढ़ गई है, क्योंकि हर तरफ पेट्रोलियम ही बिखरा हुआ है।

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