MU में फर्जी मार्कशीट बनाने वाला गिरोह !

साभार/ मुंबई। रत्नागिरी में फर्जी मार्कशीट के सहारे द्वितीय वर्ष में प्रवेश लेने का मामला सामने आने के बाद मुंबई विश्वविद्यालय का परीक्षा विभाग सवालों के घेरे में है। इस मामले में पुलिस ने जिन 6 लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें एक परीक्षा विभाग का कर्मचारी है। इससे विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट बनाने वाला रैकेट सक्रिय होने का अंदेशा है।

सूत्रों के मुताबिक, कुछ महीने पहले कई इंजिनियरिंग कॉलेजों को विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग के नाम से फर्जी मार्कशीट भेजी गई थीं। यह बात विश्वविद्यालय की जानकारी में मार्च में आई थी। इसीलिए विश्वविद्यालय की तरफ से एक सर्कुलर भी जारी किया गया था कि अगर कोई विद्यार्थी अथवा कर्मचारी उत्तर पुस्तिका का पुनर्मूल्यांकन कराने के बाद उत्तीर्ण होने का पत्र अपने कॉलेज में ले जाकर जमा करता है, तो कॉलेज विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग के पास भेजकर सत्यापन कराए।

इसके बाद ही विद्यार्थी को उत्तीर्ण माने। अब सवाल यह है कि जब विश्वविद्यालय के पास 6 महीने पहले ही गड़बड़ी की सूचना थी, तो विश्वविद्यालय ने ऐसे फर्जी काम करने वाले कर्मचारियों की खोज करने में उत्साह क्यों नहीं दिखाया? विश्वविद्यालय की तरफ से किस व्यक्ति को बचाने का प्रयास किया जा रहा था?

रत्नागिरी के फिनोलेक्स अकैडमी ऑफ मैनेजमेंट ऐंड टेक्नॉलजी में छात्र सुयश शेट्ये ने द्वितीय वर्ष इंजिनियरिंग में प्रवेश के लिए फर्जी मार्कशीट का सहारा लिया। वह प्रथम वर्ष में 12 में से 7 विषयों में फेल था। उसने द्वितीय वर्ष में प्रवेश पाने के लिए कॉलेज के एक कर्मचारी से मिलीभगत करके विश्वविद्यालय से फर्जी मार्कशीट बनवाई और उसे कॉलेज में ले जाकर जमा किया। जब सत्यापन के लिए कॉलेज ने विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग के पास मार्कशीट भेजी, तो पूरा मामला सामने आ गया। फिर विश्वविद्यालय ने फर्जी मार्कशीट के संबंध में कॉलेज को पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया।

 


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