स्व.हशू अडवानी की राह पर अनिल वोकेशनल कॉलेज

मुश्ताक खान/ मुंबई। आरएसएस कार्यकर्ता और चेंबूर के शिल्पकार स्व.हशू अडवानी (Late Hashu Advani) द्वारा स्थापित चेंबूर कॉलोनी युवा मंडल (Chembur Colony Yuva Mandal) की पांच मंजिली इमारत सामाजिक कार्यों व शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाली संस्थानों का गवाह है। मौजूदा समय में चेंबूर के कलेक्टर कॉलोनी (Collector colony) में स्थित हशू अडवानी स्मारक (Hashu Advani Memorial) में मूक -बधिर बच्चों को शिक्षा मुहैया कराई जाती है। हाल ही में इस इमारत की पांचवी मंजिल पर अनिल असरानी वोकेशनल कॉलेज (Anil Asrani Vocational College) की शुरूआत की गई है। ताकि कमजोर और बेसहारा वर्ग के बच्चों को सहारा देने के साथ-साथ उन्हें स्वरोजगार योग्य बनाया जा सके।

चेंबूर युवा मंडल (Chembur Yuva Mandal) के सचिव पपन सहेजा ने बताया कि अनिल असरानी वोकेशनल कॉलेज की शुरूआत करने का मुख्य कारण यह है कि दसवीं (एसएससी) की परीक्षा पास करने के बाद अधिकांश युवक विषयों को लेकर कशमकश में पड़ जाते हैं। क्योंकि इन दिनों मुंबई सहित राज्य के लगभग सभी कॉलेजों में साइंस, कॉमर्स, आर्टस आदि विषयों में नामांकन के लिए योग्य अंकों की जरूरत है। ऐसे में बड़ी संख्या में छात्रों का प्रतिशत कम होने के कारण उन्हें मनचाहे कॉलेजों में एडमिशन नहीं मिलता।

जिसकी वजह से वे अपनी आगे की शिक्षा पर विराम लगा देते हैं। जबकि मौजूदा समय में सभी छात्रों के अभिभावक अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने की कोशिश करते हैं। लेकिन पढ़ाई में कमजोर छात्र उन अंकों को छूने में नाकाम रहते हैं जिसकी वजह से उन्हें एडमिशन नहीं मिल पाता। ऐसे छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ स्वंरोजगार योग्य और पूर्ण व्यक्तित्व के विकास पर जोर दिया जाता है। ताकि भविष्य में यही छात्र बी कॉम या बीएससी आदि की शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। यानी कुल मिलाकर चेंबूर के शिल्पकार स्व.हशू अडवानी की राह पर चल रहे चेंबूर कॉलोनी युवा मंडल मूक -बधिर बच्चों के बाद उन छात्रों को भी प्रगति पथ पर लाने का प्रयास कर रही है।

अनिल असरानी वोकेशनल कॉलेज की उपप्रधानाचार्य गीता श्रीवास्तव ने बताया कि टॉपर्स और क्रिम छात्रों को सभी कॉलेजों में प्रवेश मिल जाता है लेकिन उन छात्रों का क्या जिन्हें किसी कारणवश सम्मानजनक अंक प्राप्त नहीं हुआ। हम और हमारी टीम ऐसे छात्रों की कद्र करते हैं और उन्हें योग्य बनाने में भरपुर सहयोग करते हैं। ताकि भविष्य में ऐसे छात्र अपनी मेहनत से उन ऊंचाइयों को छुए जिसकी उसने कभी कल्पना नहीं की थी।

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