पुलिस के पहरे में दूध के टैंकर से सप्लाई


साभार/ मुंबई। महाराष्ट्र में दूध उत्पादक किसानों द्वारा सोमवार से शुरू किए गए आंदोलन के कारण मंगलवार को मुंबई समेत कई शहरों में दूध की कमी हो सकती है। किसानों के आंदोलन के बीच पुलिस के पहरे में दूध के टैंकरों को राज्य के दूसरे शहरों में भेजा जा रहा है। जहां एक ओर राज्य सरकार का दावा है कि मुंबई में 15 दिनों का दूध भंडार मौजूद है, वहीं दूसरी ओर दुग्ध उत्पादक किसानों के तेवर बता रहे हैं कि आने वाले दिनों में दूध की किल्लत बढ़ने के आसार हैं।

सोमवार को आंदोलनकारियों ने मुंबई, पुणे, नागपुर, नासिक और अन्य प्रमुख शहरों को जा रहे दूध के टैंकरों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में रोककर विरोध प्रदर्शन किया। इससे शहरों की दुग्ध आपूर्ति प्रभावित हुई है।

आंदोलन जारी रहने पर नासिक और कोल्हापुर से मुंबई के लिए करीब एक दर्जन दूध टैंकर सशस्त्र पुलिस के पहरे में भेजे गए। लाखों लीटर दूध से लदे टैंकरों को पुणे, नासिक, कोल्हापुर, सांगली, बीड, पालघर, बुलढाणा, औरंगाबाद और सोलापुर में रोककर सड़कों पर खाली कर दिया गया। अमरावती के निकट एक टैंकर में आग लगा दी गई।

इस बीच राज्य के पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री महादेव जानकर का कहना है, ‘मुंबई में दूध का 15 दिनों का पर्याप्त भंडार है। मुंबई को रोज 7 लाख लीटर ताजा दूध की जरूरत होती है। हम मुद्दे को हल करने की कोशिश कर रहे हैं।’

आंदोलन की अगुआई कर रहे सांसद और स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने कहा, ‘हम गोवा, कर्नाटक और केरल की तरह किसानों के लिए पांच रुपये की प्रत्यक्ष सब्सिडी की मांग कर रहे हैं।’

स्वाभिमानी शेतकरी संगठन और महाराष्ट्र किसान सभा के नेतृत्व में दूध उत्पादक किसान दूध पर पांच रुपये प्रति लीटर सब्सिडी और मक्खन व दूध पाउडर पर जीएसटी में छूट की मांग कर रहे हैं। बता दें कि सरकार 20 जुलाई से दूध उत्पादकों को तीन रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी देने के लिए तैयार है।

महाराष्ट्र का डेयरी उद्योग
15000 सहकारी डेयरी सोसाइटियां हैं महाराष्ट्र में
85 सहकारी डेयरी संघ
98 दूध प्रसंस्करण संयंत्र
192 दूध कोल्ड स्टोरेज

 


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