CPIL के प्रदूषण से दहशत में नागरीक

नोटिस के बाद भी कार्रवाई से क्यों डरते हैं मनपा के अधिकारी

मुंबई। वाशीनाका के एल यू गडकरी मार्ग (L U Gadkari Marg) स्थित प्रयागनगर (Prayag nagar) की जर्जर इमारत में अवैध रूप से चल रहे सीपीआईएल (CPIL) से उत्सर्जित होने वाली ध्वनि और वायू प्रदूषण के खिलाफ स्थानीय नागरीकों ने 15 दिसंबर 2016 को मनपा और आरसीएफ पुलिस (RCF Police) में लिखित शिकायत की थी। शिकायत के 6 माह बाद मनपा एम पूर्व इमारत व कारखाना विभाग द्वारा 21 जून 2017 को महानगरपालिका अधिनियम कलम 390 के तहत नोटिस जारी किया गया। उक्त नोटिस के बाद प्रयागनगर के उसी जर्जर इमारत में गो गैस नामक एक और कंपनी बिना विस्फोटक लाइसेंस के ही गैस सिलेंडरों की मरम्मति आदि का काम कर रही है।

गौरतलब है कि मनपा एम पूर्व इमारत व कारखाना विभाग द्वारा सीटीएस सर्वे नंबर 618 में चल रही सीपीआईएल को करीब 6 माह पहले 390 की नोटीस जारी किया गया था। 21 जून 2017 को जारी नोटीस का जावक क्र. सं. आ./एम-पूर्व 39896/BF1 है। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण सीपीआईएल के अलावा गो गैस नामक एक और कंपनी ने प्रयागनगर की उसी जर्जर इमारत में अपना पांव पसारना शुरू कर दिया है। इन कंपनियों से उत्सर्जित होने वाली ध्वनि और वायू प्रदूषण, वायुमंडल को जहरीला कर दिया है, जो कि जानलेवा बीमारियों का दाता है।

इससे स्थानीय नागरीक बेहद परेशान और डरे हुए हैं। बता दें कि इससे पहले यहां एक कांक्रीट प्लांट भी चल रहा था जिसे जनता के हितों को देखते हुए सरकार ने बंद करा दिया। इन दोनों कंपनियों की दादागिरी से निपटने के लिए स्थानीय तौर पर महाराष्ट्र के संयुक्त मुख्य संचालक विस्फोटक (पश्चिमी सर्कल) को इमेल के जरीये सारी जानकारी दी गई है। साथ ही मनपा द्वारा जारी 390 के नोटिस की प्रति भी संलग्न किया गया है।

क्या है सीपीआईएल
दरअसल सीपीआईएल नामक कंपनी सीएनजी सिलेंडर टेस्टिंग स्टेशन है। यहां पुराने सिलेंडरों की साफ-सफाई कर उसे नया बनाने के लिए सारी प्रक्रियाएं पूरी की जाती है। इस सर्विस स्टेशन से उत्सर्जित होने वाली ध्वनि और वायू प्रदूषण ने यहां के वायुमंडल को जहरीला बना दिया है। जो कि जानलेवा बीमारियों का दाता है।

घनी आबादी वाले गडकरी खान (Gadkari Khan) में संचालित इस सर्विस स्टेशन ने स्थानीय नागरीकों की नींद और चैन को हराम कर रखा है। स्थानीय नागरीक बेहद परेशान और दहशत में हैं। जबकि मनपा ने इस जर्जर इमारत को धोखादायक करार देते हुए करीब 6 माह पहले नोटिस जारी किया था। इसके अलावा इस जर्जर इमारत के ऊपर से टाटा पावर का हाई वोल्टेज बिजली की सप्लाई भी की जा रही है।

स्थानीय नागरिकों के अनुसार सीपीआईएल, सीएनजी सिलेंडर टेस्टिंग स्टेशन के साथ गो गैस नामक एक और कंपनी जुड़ गई है। इस कंपनी का मुख्यालय महाराष्ट्र के नागपुर में स्थित है। वहीं नियमों की अव्हेलना करते हुए गो गैस बीपीसीएल के सिलेंडरों की मरम्मति का काम कर रही है। जबकि एल यू गडकरी मार्ग पर स्थित एक तरफ एचपीसीएल है तो दूसरी तरफ एलपीजी का रीफिलिंग स्टेशन है।

उल्लेखनीय है कि तंग सड़क वाले गडकरी खान के प्रयागनगर और प्रकाशनगर में लगभग 900 से एक हजार घर हैं। इसमें करीब 8 से 10 हजार लोग रहते हैं। बता दें कि वर्ष 2016-17 के दौरान सीपीआईएल, सीएनजी के इसी सिलेंडर सर्विस स्टेशन में एक विस्फोट हुआ था जिसमें एक कर्मचारी बुरी तरह घायल हो गया था। इसकी शिकायत आरसीएफ पुलिस में भी दर्ज है।

इसके अलावा इसी परिसर के मिश्रा गैरेज में गैस टैंकर हादसे में एक युवक की मौत हो चुकी है, जिसमें कई लोग घायल भी हुए थे। तब भी रोड जाम होने के कारण यहां फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस को पहुंचने में काफी समय लग गया था। उस समय यहां अफरातफरी मच गई थी, और लोगों को जान बचाने के लाले पड़े थे। चूंकि वाशीनाका का एल यू गडकरी मार्ग संकरा होने के साथ-साथ हमेशा जाम भी रहता है, इस लिए यहां भगदड़ जैसी स्थिति हमेशा बनी रहती है।

इसके बावजूद मनपा एम पूर्व के अधिकारियों का रवैया चौंकाने वाले है। इस कड़ी में दिलचस्प बात यह है कि जिस जर्जर इमारत पर सीपीआईएल और गो गैस वालों ने कब्जा किया है, वह स्व. गोकुल दास की मिलकियत है। सूत्रों के अनुसार गडकरी के सीटीएस सर्वे नंबर 618 का मामला मुंबई की अदालत में विचाराधीन है। ऐसे में इस जमीन का एन ए का भी अता पता नहीं है।

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