42 मालिकों वाले जमीन का असली मालिक कौन?

अतिक्रमण हटाने में चेंबूर के उपजिलाधिकारी नाकाम

मुंबई। चेंबूर के पांजरापोल स्थित जय भोलेनगर में स्थित सीटीएस नंबर 728 का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। करीब 42 मालिकों वाले इस जमीन से अतिक्रमण हटाने में चेंबूर के उपजिलाधिकारी नाकाम हैं। इसके लिए चेंबूर के उप जिलाधिकारी अतिक्रमण- निष्कासन द्वारा 31 जुलाई 2017 को नोटिस दिया गया था। नोटिस में यह भी कहा गया है कि अतिक्रमण नहीं हटाने की स्थिति में पुलिस बंदोबस्त के साथ 7 अगस्त 2017 को उपरोक्त सीटीएस नंबर को खाली करा लिया जाएगा। लेकिन उक्त जमीन को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने में उपजिलाधिकारी ज्ञानेश्वर खुटवड नाकाम है। जय भोलेनगर का सीटीएस नंबर 728 अब भी अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुलेआम ऐलान किया है कि ना खाउंगा और ना ही खाने दूंगा। इतना ही नहीं खाने वालों को सलाखों तक पहुंचाउंगा। इसके बाद भी सरकारी अधिकारी वेतन सरकार से लेते हैं और काम बिल्डरों का करते हैं। ताजा वाकया मौजे-अणिक, तालुका कुर्ला के सीटीएस नंबर 728, 728/1 से 1, 734, 734/1, 735, 735/1, 761, 762, जय भोलेनगर, दिनववारी रोड, पांजरापोल, चेंबूर का है। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार 1989 में 42 लोगों ने देवनार अनुदीप को-आप हाउसिंग सोसायटी का गठन किया था। ताकि बंगलानुमा आवास बनवाया जा सके। इसके लिए सीटीएस नंबर 728 लिया गया। उक्त जमीन के आस- पास झोपट्टियां भी थी।

इसे देखते हुए सोसायटी के लोगों ने विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी से समझौता किया कि इस जमीन पर विकास कर हम सभी सदस्यों को आवास महैया काराए। इसके अलावा जय भोलेनगर रहिवासी संघ की झोपड़पट्टियों के लोगों को भी आवास देना है। सदस्यों के इस प्रस्ताव को विकासक कंपनी ने मान लिया। क्योंकि यहां स्लम औग गैर स्लम कुल क्षेत्र 6, 084.08 स्कवायर मीटर की जगह है। इस संबंध में 2001 में एग्रीमेंट हुआ और 2006 में सर्वे किया गया। लेकिन विकासक की तरफ से कोई पहल नहीं की गई। इस दौरान अपने घर का सपना देखते -देखते कई लोग इश्वर को प्यारे हो गए। वहीं कुछ लोग यहां से स्थाई रूप से कहीं और चले गए आदि। लेकिन एग्रीमेंट के अनुसार विकासक की तरफ से उक्त स्थान का विकास नहीं किया गया।

सूत्रों की माने तो इस सीटीएस पर करीब 6, 7 पेड़ थे, उन पेड़ों में से पांच की बलि चढ़ा दी गई। इसके बाद अणिक पांजरापोल परियोजना के दौरान इस जगह पर एसआरए के तहत इस जमीन पर विकास करना था। जिसकी सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई। इसके बाद भी विकास के नाम पर शून्य ही रहा। मौजूदा समय में इस जमीन का मालिकाना हक देवनार अनुदीप को-आप हाउसिंग सोसायटी को ही है। लेकिन उक्त जमीन पर अतिक्रमण कर विकासक ने पतरे से घेर लिया है। इस मामले में चेंबूर के उपजिलाधिकारी अतिक्रमण -निष्कासन ज्ञानेश्वर खुटवड ने अतिक्रमण हटाने के लिए विकासक को नोटिस दिया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि नोटिस देने से पहले ज्ञानेश्वर खुटवड ने मौखिक तौर पर भी कई बार कहा था। लेकिन बातों का कोई असर न होता देख उन्होंने नोटिस दिया। इसके बाद भी विकासक के अतिक्रमण को हटाने में नाकाम रहे। इस संबंध में चेंबूर के उपजिलाधिकारी ज्ञानेश्वर खुटवड से सोमवार को संपर्क किया गया तो उन्होंने मंगलवार को बात करने को कहा, मंगलवार को उनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने कार्यक्रम में जाने का बहाना बना कर अपना पल्ला झाड़ लिया।

इस सबंध में स्थानीय जय भोलेनगर रहिवासी संघ के लोगों का कहना है कि 2001 से अब तक जो विकासक कुछ नहीं कर सका वो आगे भी कुछ नहीं कर पाएगा। इसलिए राज्य सरकार को पहल कर जनता के हितों में कोई ठोस कदम उठाना चाहिए। ताकि पांजरापोल,दिनववारी रोड़ स्थित जय भोलेनगर की झोपड़पट्टियों में किसी तरह जीने को मजबूर मुंबईकरों को सहारा मिल सके।

 

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