दादागिरी पर उतरे मनपा के अधिकारी

अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे सोसाइटी के सदस्य

मुश्ताक खान/ मुंबई। मोदी सरकार देश के हर नागरिकों को अपना घर देने का बखान करती है। वहीं मनपा घर वालों को बेघर करने पर तुली है। इसकी ताजा मिसला मनपा एम पश्चिम विभाग के ठक्कर बप्पा कॉलोनी (Thakkar Bappa Colony) स्थित कस्तूरबा नगर को-ऑप़ सोसायटी (Kasturba Nagar Co.Opp Society) में सहज ही देखा जा सकता है। दादागिरी पर उतरी मनपा ने इस सोसायटी को जर्जर घोषित कर यहां की 42 फ्लैट व दुकानों को 354 के तहत सात दिनों में खाली करने का नोटिस दिया है। शुक्रवार को समय सीमा से पूर्व मनपा के अधिकारी सोसायटी में पहुंच कर लगभग सभी दुकानों को सील कर दिया।

गौरतलब है की चर्मउद्योग नगरी के नाम से प्रसिद्ध ठक्कर बप्पा कॉलोनी में मनपा के अभियंताओं की मेहरबानी से एक दो नहीं चार-चार मंजिले अवैध झोपड़ों को सहज ही देखा जा सकता है। उन झोपड़ों को छोड़कर बिल्डरों के इशारे पर मनपा द्वारा महज 30 साल पुरानी सोसाइटी के 42 रहिवासी व दुकानदारों को मनपा अधिनियम 354 के तहत नोटिस दिया है। मनपा एम पश्चिम द्वारा नोटिस की अवधि पूरा होने से पूर्व शुक्रवार को दुकानों को सील कर दिया गया।

सोसायटी के सदस्यों का कहना है की मनपा परिमंडल पांच एम पश्चिम द्वारा चेंबूर कॉलोनी (Chembur Colony) के ठक्कर बप्पा स्थित कस्तूरबा नगर को-ऑप हाउसिंग सोसायटी की महज एक फ्लैट की शिकायत पर पूरी बिल्डिंग को जर्जर घोषित कर पूरी बिल्डिंग को खाली करने का फरमान जारी किया है। इस सोसायटी के दुकान मालिक शंकर रोसिया का कहना है की मनपा एम पश्चिम के सहायक आयुक्त द्वारा 22 नवंबर 2019 को हस्तक्षरित 354 का नोटिस 23 नवंबर 2019 की शाम मेरे नाबालिग बच्चे को दिया और आज 29 नवंबर को पुलिस बल के साथ खाली कराने पहुंच गए।

नियमों का पालन करने वाले मनपा के अधिकारी यह भूल गए की अभी सात दिन पूरे नहीं हुए हैं। फजीहत से बचने के लिए अधिकारियों ने यहां की दुकानों का पंचनामा कर सील किया है। यहां के सदस्यों का कहना है की शिकायतकर्ता, बिल्डर और मनपा द्वारा गहरी साजिश के तहत इस सोसायटी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। सोसायटी के सदस्यों ने फैसला किया है की अब मनपा के अधिकारियों को अदालत में घसीटा जाएगा। क्योंकि यहां दुकानों को सील करने से लोगों को बड़ा नुकसान होगा।

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