भालचंद्र नेमाड़े और ज्ञानरंजन को आकाशदीप सम्मान

मुंबई। मराठी के विख्यात कवि उपन्यासकार भालचंद्र नेमाड़े और हिंदी के प्रख्यात कथाकार और संपादक ज्ञानरंजन को 28 दिसंबर की शाम नरीमन प्वाइंट (Nariman Point) स्थित वाई वी चौहान सेंटर में आयोजित भव्य समारोह में अमर उजाला (Amar Ujala) शब्द सम्मान के सर्वोच्च अलंकरण आकाशदीप से नवाजा जाएगा। भारतीय भाषाओं के सामूहिक स्वप्न के सम्मान में अमर उजाला फाउंडेशन (Amar Ujala Foundation) ने शब्द सम्मानो की स्थापना की है ताकि भारत की समस्त भाषाओं में बंधुत्व को प्रोत्साहित किया जा सके। दोनों मनीषियों को लेखन जीवन के समग्र अवदान के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है।

मशहूर शायर -फिल्मकार गुलजार (Gulzar) उन्हें यह अलंकरण प्रदान करेंगे। गत वर्ष यह सम्मान डॉ नामवर सिंह को हिंदी के लिए और गिरीश कर्नाड (कन्नड़) को हिंदीतर भाषा में विलक्षण योगदान के लिए दिया गया था। इसी समारोह में निर्णय किया गया था कि हिंदी के साथ हिंदीतर भाषा के जिस रचनाकार को आजीवन शब्द साधना के लिए सम्मान मिलेगा, उस भाषा-प्रदेश की राजधानी में समारोह होगा। नेमाड़े के मराठी में अतुलनीय योगदान के चलते महाराष्ट्र की राजधानी में यह आयोजन हो रहा है।

राष्ट्रीय आकाशदीप अलंकरण हिंदी और एक अन्य भारतीय भाषा में 11 साहित्य मनीषी को अर्पित किया जाता है। अलंकरण में पांच-पांच लाख रुपए की राशि, प्रशस्ति पत्र और गंगा प्रतिमा सम्मिलित है। सम्मान की घोषणा पर कवि-उपन्यासकार भालचंद्र नेमाड़े ने इसे मानवीय सभ्यताओं के विचार और भाषिक संस्कृति के मूल्यवान साझे की निरंतरता का सम्मान निरूपित किया है। वही, कथाकार ज्ञानरंजन ने कहा कि यह सम्मान रचनाधर्मिता के स्वतंत्र मिजाज का अभिनंदन है।

समारोह में वर्ष 2018 की श्रेष्ठ हिंदी कृतियों के लिए भी एक-एक लाख रुपये के शब्द सम्मान दिए जाएंगे। इसमें पहली किताब और अनुवाद के लिए भी विशेष सम्मान है। छाप श्रेणी में कथा (उपन्यास) वर्ग के शब्द सम्मान हेतु ज्ञान चतुर्वेदी के उपन्यास ‘पागलखाना’ को और कविता वर्ग में गगन गिल के संग्रह ‘मैं जब तक आई बाहर’ को चुना गया है। कथेतर वर्ग में छाप सम्मान सुनीता बुद्धि राजा की कृति “रसराज पंडित जसराज” को दिया जाएगा। किसी भी रचनाकार की पहली किताब पर दिया जाने वाला थाप अंबर पांडे की कृती “कोलाहल की कविताएं” को दिया जाएगा।

भारतीय भाषाओं में अनुवाद के लिए दिया जाने वाला भाषा बंधु सम्मान प्रख्यात रचनाकार शंख घोष की बंगला गद्य कृति “निशब्द की तर्जनी” के हिंदी अनुवाद के लिए उत्पल बैनर्जी को प्रदान किया जाएगा। इन कृतियों को प्रख्यात कथाकार अब्दुल बिस्मिल्लाह, विख्यात कवि अरुण कमल, वरिष्ठ आलोचक नंदकिशोर आचार्य, सुप्रसिद्ध कवित्री अनामिका तथा प्रसिद्ध समीक्षक ज्योतिष जोशी के उच्चस्तरीय निर्णायक मंडल ने अपनी कसौटी पर परखा है। उच्च मानदंडों को बनाए रखने के लिए यह निर्णायक मंडल प्रतिवर्ष नियमानुसार परिवर्तित होता है।

अमर उजाला शब्द सम्मान देश के सर्वाधिक प्रसारित हिंदी दैनिकों में शामिल अमर उजाला प्रकाशन समूह द्वारा प्रवर्तित अमर उजाला फाउंडेशन ने स्थापित किए हैं । इस वर्ष आकाशदीप से अलंकृत भालचंद्र नेमाड़े का मराठी साहित्य पर गहरा प्रभाव है। गौशाला और हिंदू जैसी अप्रतिम कृतियों ने उन्हें समय के श्रेष्ठतम सर्जकों में शामिल कर दिया है। हिंदी के लिए आकाशदीप से सम्मानित ज्ञानरंजन जबरदस्त कथाकार हैं और ‘पहल’ पत्रिका के जरिए उन्होंने तीन पीढ़ियों को वैचारिकता से दीक्षित किया है। संयोग है कि दोनों का जन्म महाराष्ट्र में हुआ है।

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