मनपा में 750 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश

आईटी के निशाने पर लैंड मार्क सहित कई ठेकेदार

संवाददाता/ मुंबई। इनकम टैक्स (Income Tax) की चपेट में आये मनपा (BMC) के घोटालेबाज ठेकेदारों की उल्टी गिनती शुरु हो गई है। मुंबईकरों का हक मारने वाले कई और ठेका कंपनियां आईटी के निशाने पर हैं। इस कड़ी में दिलचस्प बात यह है की विभाग द्वारा मनपा के भ्रष्ट अधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की भी जांच की जा रही है। ताकि भ्रष्टाचारियों पर लगाम कसा जा सके। पिछले एक सप्ताह में आईटी के अधिकारियों ने मनपा के करीब 44 ठेकेदारों के ठिकानों पर छापामारी कर करीब 735 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश किया है।

मिली जानकारी के अनुसार इनकम टैक्स विभाग की इस कार्रवाई ने मनपा के ब्लैक लिस्टेड कंपनियों का भी भंड़ाफोड़ किया है। अब तक की कार्रवाई में करीब 735 करोड़ रूपये के कथित घोटाले की बात सामने आई है। जबकि आगे की जांच विभाग द्वारा किया जा रहा है। बता दें की हाल ही में आईटी के अधिकारियों ने आरपीएफ इंफ़्रा ग्रुप, वन वर्ल्ड टेक्सटाईल ग्रुप व स्काईवे एंड रेलकॉन इंफ़्रा प्रोजेक्ट और इंफोटेक एंड सॉफ्टवेयर लिमिटेड के कार्यालयों पर छापामारी की थी। इतना ही नहीं इनकम टैक्स के अधिकारी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं की ठेका कंपनियों की काली कमाई में किस अधिकारी एवं नेता की सहभागिता है।

गौरतलब है की 2016 में आरपीएस इंफ़्रा ग्रुप के सड़क घोटाले की पोल नगरसेवक रवि राजा ने खेली थी। उस समय आरपीएस इंफ़्रा सहित उसके दो निदेशकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया गया था। एस वी रोड घोटाला के बाद आरपीएस इंफ्रा को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया। इसके बाद आरपीएस इंफ्रा (RPS Infra) ने चेंबूर के आरसी मार्ग का काम शुरू किया लेकिन पूर्व सांसद स्व. गुरुदास कामत के हस्तक्षेप के बाद उक्त रोड के काम से आरपीएस इंफ्रा की हकालपट्टी हो गई।

अब चेंबूर के आरसी मार्ग (R.C. Marg, Chembur) का काम लैंड मार्क कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड (Land Mark Corporation private limited) द्वारा किया जा रहा है। यहां भी रोड के काम में बड़े पैमाने पर समाग्रह में मिलावट आदि की बात कही जा रही है। इस लिहाज से लैंडमार्क और आर बी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड की भी जांच होनी चाहिए। क्योंकि इन दोनों कंपनियों द्वारा आरसी मार्ग का काम किया जा रहा है। उल्लेखनीय है की पिछले दो वर्षों से चेंबूर के आरसी मार्ग, कल्वर्ट और बड़े नाले का काम चार एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है। जो अब तक अधूरा है।

बहरहाल आईटी के निशाने पर मनपा के और कई ठेका कंपनियां हैं जो जनप्रतिनिधियों अथवा अधिकारियों की बदौलत मुंबईकरों के हक की कमाई पर डाका डालकर अपनी तिजोरी भर रहे हैं। आईटी विभाग द्वारा की गई कार्रवाई से मुंबईकर बेहद खुश हैं। क्योंकि देश की सबसे अमीर महानगरपालिका में जड़ जमा चुकी भ्रष्टाचार का बड़े पैमाने पर खुलासा हुआ है।

इस मुद्दे पर आरटी आई कार्यकर्ता अनिल गलगली (RTI Activist Anil Galgali) का कहना है की मनपा को इस कार्रवाई से सबक लेते हुए विभागीय स्तर पर जांच करनी चाहिए। ताकि भविष्य में इस तरह का घोटाला ना हो। इसके अलावा भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने के साथ-साथ इन मामलों में लिप्त जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मुकदमा दायर करना चाहिए। क्योंकि इनकी बदौलत मनपा के ठेकेदार मालामाल और जनता कंगाल होती जा रही है।

इस कड़ी में एक और दिलचस्प बात सामने आई है। बताया जाता है की आम जनता, आरटीआई कार्यकर्ता, गैर सरकारी संस्थायें और समाजसेवकों की शिकायतों की भी जांच की जा रही है। ताकि यह पता लगाया जा सके की शिकायतों पर मनपा के अधिकारियों की क्या रवैया रही। इन मुद्दों पर भी विभाग द्वारा जांच होने की प्रबल संभावनाएं है। क्योंकि अब तक शिकायतों को मनपा के अधिकारियों की मिली भगत से ठेकेदारों द्वारा रफा दफा कर दिया जाता था। अब उन शिकायतों की भी जांच होगी। इस जांच में कई अधिकारी नप सकते हैं।

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