1993 ब्लास्ट: सलेम सहित 6 दोषी, 1 बरी

मुंबई। 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में शुक्रवार को विशेष टाडा अदालत ने अपना फैसला सुनाया। इस मामले में मुस्तफा दौसा, ताहिर मर्चेंट, करीमुल्ला शेख, रियाज सिद्दीकी, अबू सलेम और फिरोज खान को दोषी करार दिया गया है जबकि अब्दुल कयूम को बरी कर दिया गया। कोर्ट ने उसे सभी आरोपों से मुक्त कर दिया है और पर्सनल बॉन्ड पर छोड़ने के आदेश दिए हैं। जस्टिस जीएस सानप की बेंच ने अपना फैसला सुनाया।

कोर्ट अब 19 जून को दोषियों की सजा पर फैसला करेगी। इस दिन सजा पर बहस के लिए तारीख तय की जाएगी। कोर्ट ने माना कि डोसा, सलेम, ताहिर मर्चेंट और फिरोज खान इन धमाकों के मुख्य साजिशकर्ता थे। हालांकि, सभी आरोपियों को देश के खिलाफ जंग छेड़ने के आरोप से मुक्त कर दिया गया। अबू सलेम को भी टाडा की कुछ धाराओं में बरी किया गया है।

आरोपी अब्दुल कय्युम को कोर्ट ने मुंबई धमाके के सभी आरोप से बरी कर दिया है। उसे निजी मुचलके पर छोड़ दिया है। अब्दुल कय्युम को संजय दत्त के घर हथियार पहुंचाने का आरोपी बनाया गया था।
रियाज सिद्दीकी को भी कोर्ट ने टाटा के तहत दोषी पाया। हालांकि ये भी कहा कि सरकारी पक्ष ये साबित करने में नाकाम रहा कि रियाज इस षड्यंत्र रचने में शामिल था।

टाडा कोर्ट ने इस मामले में अंडरवर्ल्‍ड डॉन अबू सलेम को भी दोषी करार दिया है। उस पर षड्यंत्र रचने और आतंकी गतिविधि का जुर्म साबित हुआ है। करीमुल्ला शेख महाराष्ट्र के रायगड जिले के शेखाड़ी कोस्ट के जरिए हथियारों की भारत में तस्करी का दोषी करार हुआ।

ताहिर मर्चेंट 1993 ब्लास्ट मामले में दोषी करार दिया। फिरोज अब्दुल रशीद खान धमाके की पूरी प्रक्रिया और मुंबई में हथियार और विस्फोटक पहुंचाने का दोषी करार दिया। मुस्तफा दौसा दुबई से हथियार भेजने, धमाकों की साजिश रचने, लोगों को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजने और हत्या का दोषी करार. दौसा का साल 2004 में यूएई से प्रत्यर्पण कराया गया था।

बता दें कि 1993 में हुए सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम साल 1995 से फरार है। अदालत ने कुछ दिनों पहले ही इस मामले की सुनवाई पूरी की थी। मुस्तफा दौसा को साल 2004 में यूएई से गिरफ्तार किया गया था, वहीं अबू सलेम का साल 2005 में उनकी गर्लफ्रेंड मोनिका बेदी के साथ पुर्तगाल से प्रत्यर्पण हुआ था। अन्य पांचों आरोपियों को भी दुबई से भारत लाया गया था।

सातों दोषियों के खिलाफ कौन-कौन से हैं मामलेः

अबू सलेम – हथियारों के ट्रांसपोर्टेशन और वितरण।
मुस्तफा दौसा- हथियारों और विस्फोटकों को रखने, साजिश रचने और लोगों को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजना।
ताहिर मर्चेंट – आतंकियों के पाकिस्तान जाने की व्यवस्था कराई।
अब्दुल कय्युम- संजय दत्त के घर हथियार पहुंचाया।
रियाज सिद्दीकी- मारुति वैन में विस्फोटकों का ट्रांसपोर्ट. इस वैन का उपयोग ब्लास्ट में किया गया था।
फिरोज अब्दुल रशीद खान- ब्लास्ट की पूरी प्रक्रिया, हथियारों और विस्फोटकों को ट्रांसपोर्टेशन की मॉनिटरिंग।
करीमुल्ला शेख – महाराष्ट्र के रायगड जिले के शेखाड़ी कोस्ट के जरिए हथियारों की भारत में तस्करी।

12 मार्च 1993 को मुंबई में एक के बाद एक हुए 12 धमाकों में 257 लोगों की मौत हुई थी और इनमें 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसके साथ ही करीब 27 करोड़ की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। साल 2007 में टाडा कोर्ट ने 100 लोगों को सजा सुनाई थी।

इसी मामले में याकुब मेमन को साल 2015 में फांसी हुई थी। ब्लास्ट से जुड़े एक अन्य मामले में संजय दत्त अवैध हथियार रखने के दोषी पाए गए थे और उन्हें टाडा कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई थी। पिछले साल फरवरी में ही दत्त अपनी सजा पूरी कर जेल से लौटे हैं।

 338 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *