मोरलैंड रोड से मुकुंद नगर शिफ्ट हुए 112 परिवार बेहाल

रईस शेख पर भड़का लोगों का गुस्सा

मुश्ताक खान/ मुंबई। करीब चार दशक से भायखला (Byculla) से मोरलैंड रोड (Morland Road) की फुटपाथों पर बसे लोगों को ई वार्ड की सहायक मनपा आयुक्त द्वारा खाली करा दिया गया। हालांकि लोगों का कहना है कि इसमें सपा के नगरसेवक रईस शेख (Rais Shaikh) का हाथ है। सहायक आयुक्त अलका ससाने (Alka Sasane) ने कहा है कि जो बचा है उसे भी खाली करा दिया जाएगा। भायखला से मोरलैंड रोड की फुटपाथों के122 झोपड़ाधारकों को चेंबूर के मुकुंद नगर (Mukund Nagar) में शिफ्ट कराया गया है। बता दें कि मुकुंदनगर में मनपा की इन इमारतों की मरम्मति का काम चल रहा है। इसके बाद भी जबरन लोगों को यहां धकेला गया है।

गौरतलब है कि वाशीनाका (Vashinaka) के मुकुंदनगर (Mukund Nagar) में मनपा की कुल 13 इमारतें हैं। इनमें ए विंग में 24 और बी विंग में 24 फ्लैट हैं। इस तरह एक बिल्डिंग में कुल 48 फ्लैट्स हैं। भूत बंगला के नाम से प्रसिद्ध मुकुंदनगर की 13 इमारतों में से एक या दो इमारतें मुकम्मल हो पाई है। बाकी सभी इमारतों में मरम्मति का काम चल रहा है। इनमें अधिकांश इमारतों के खिड़की, दरवाजे आदि नहीं हैं। साफ-सफाई के अभाव में यहां कीड़े मकोड़े और सांपों का बसेरा बन गया है।

ऐसी स्थिति में मोरलैंड आदि स्थानों के नागरिकों को जबरन यहां शिफ्ट कराना इंसानियत से परे हैं। क्योंकि भायखला से मोरलैंड रोड की तोड़क कार्रवाई में लोगों को काफी माली नुकसान हुआ है। इन निवासियों में कई बुजुर्ग और विकलांग लोगों का समावेश है। मुंबई से मुकुंदनगर में शिफ्ट हुए लोगों के सामने रोजी रोटी और बच्चों की शिक्षा की समस्या सबसे बड़ी है। इसका समाधान नगरसेवक या मनपा की सहायक आयुक्त नहीं कर पाएंगी। क्योंकि मुकुंदनगर परिसर में हॉस्पिटल, स्कूल या कोई शॉपिंग सेंटर नहीं है। वाशीनाका से मुकुंदनगर जाने के लिए बर्मा सेल की रेल पटरियों को पार करके जाना पड़ता है।

मनपा की कार्रवाई

भायखला, मदनपुरा, अग्रीपाडा, मोरलैंड रोड और कालापानी आदि इलाके में 122 झोपड़ों पर कारईवाई की गई। इनमें 112 झोपड़ाधारकों को आनंन फानंन में वाशीनाका के मुकुंदनगर में जैसे तैसे शिफ्ट कराया गया है। सहायक मनपा आयुक्त अलका ससाने ने कहा है कि जो बचा है उसे भी खाली करा दिया जाएगा।

क्या कहते हैं जबरन शिफ्ट हुए लोग
लोगों का कहना है कि ईमानदारी का बिल्ला लगाकर जनता को गुमराह करने वाले सपा नगरसेवक रईस शेख अब लोगों से क्यों मुंह छुपा रहे हैं। आनंन फानंन में शिफ्टिंग कराने के बाद खुद लापता हैं। इनमें शकील अहमद शेख ने कहा कि शिफ्टिंग से पहले रईस शेख के लोग हर एक दो दिनों के बाद धमकी देते थे। उन्होंने कहा कि पहले रईस शेख ने लालच दिया कि बकरईद के दौरान सभी को कुर्बानी के लिए जानवर दिया जाएगा। साथ एक माह का राशन भी दिया जाएगा।

लेकिन बात न बनता देख उनके लोगों ने मारपीट और धमकी देने लगे की खाली नहीं करने की स्थिति में कुछ भी हो सकता है। इसी तरह मोहम्मद इरशाद अंसारी ने कहा की समाजवादी पार्टी के नगरसेवक रईस शेख दिन और इस्लाम की बात करते हैं। लेकिन उनकी नियत ठीक नहीं। उन्होंने हम लोगों को थोड़ी भी मोहलत नहीं दी।

यहां इमारतों की मरम्मति चल रही है और जबरन हम लोगों को यहां शिफ्ट करा दिया। हमारे बच्चे कहां पढ़ेंगे? इस तरह जितने लोग उतनी बाते होने लगी है। जबकि सच्चाई यह है कि मनपा के इन इमारतों की मरम्मति का काम अब भी चल रहा है। इसे सहज ही देखा जा सकता है। ऐसे में मौजूदा समय में सपा के किसी भी प्रतिनिधि को यहां आना खतरे से खाली नहीं है। क्योंकि परेशानियों से जूझ रहे लोगों का गुस्सा उफान पर है।

इस मुद्दे पर रईश शेख
नगरसेवक रईश शेख से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि लोगों की बाते बेबुनियाद है। तोड़क कार्रवाई मनपा द्वारा किया गया है। उन्होंने कहा की अगर लोगों को परेशानी है तो लोग मुझे बताए, मैं कोशिश करूंगा की उनकी मदद करूं।


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