उपमुखिया ने अपने निजी मद से बांटे अनाज

एस.पी.सक्सेना/ बोकारो। कहावत है की “कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो” इस कहावत को शत प्रतिशत चरितार्थ करने में लगा है बोकारो जिला के हद में बेरमो और गोमियां के सीमांकन में गोमियां (Gomia) प्रखंड का कथारा (kathara) पंचायत की उपमुखिया उषा चौहान (Usha Chauhan) तथा उनके पति शैलेन्द्र कुमार।

कथारा पंचायत के उपमुखिया को भले ही सरकार किसी भी योजना का भार या कोई राशि निर्गत नही की है, मगर उपमुखिया उषा चौहान इस बात की परवाह किए बिना ही गरीबों को राहत पहुंचाने में रात-दिन की परवाह किए बिना समाज के जरूरतमंदों की सेवा में जी जान लगी है। इस पुनीत कार्य में उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर उसके पति भी भरपूर सहयोग करने में जुटा दिखता है। उपमुखिया चौहान के आवास पर प्रतिदिन दर्जनों गरीब पहुंच जाते हैं। जिन्हे ना तो लाल कार्ड ही बन पाया है और ना ही किसी तरह का सरकारी लाभ।

वैश्विक महामारी कोरोनावायरस (Coronavirus) के कारण लाॅकडाउन में गरीबों के दर्द उपमुखिया को ऐसा करने को प्रेरित करती है। लाॅकडाउन के आरंभ से ही उपमुखिया तथा उसका पति खुद के लिए बाद में अनाज की खरीददारी करते हैं पहले जरुरतमंदो को देने के लिए अनाज लेकर उपस्थित रहती है।

इसी क्रम 18 अप्रैल को अहले सुबह उनके आवासीय कार्यालय पर पंचायत के रेलवे काॅलोनी व असनापानी गांव की दर्जनों जरुरतमंद रहिवासीयों को उपमुखिया तथा उसके पति ने चावल, दाल, आलू आदि खाद्य सामग्री देकर विदा किया। उपमुखिया के कार्यो को देख यही कहा जा सकता है कि मदद करने के लिए धन नही बल्कि दृढ़ इच्छाशक्ति और हौसला होना जरूरी है।

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