यौन शोषण पीड़िता संग पुलिस घटना स्थल जाकर की जांच

  • पुलिस ने आरोप लगाने वाली महिला कर्मी के साथ तीन स्थानों पर की जांच

  • जांच के दौरान मीडिया से दूरी बनाये रखा गया, सीसीएल अधिकारी की दबंगई दिखा

एस.पी.सक्सेना/ बोकारो। बीते लगभग एक डेढ़ माह से बोकारो जिले में एक हाई प्रोफाइल मामला खासे चर्चा में है। जिसमें सीसीएल कथारा (CCL Kathara) महाप्रबंधक कार्यालय के अधिकारी ओपी सिंह पर सीसीएल संपोषित क्षेत्र के एक नीजी विद्यालय के महिला कर्मी द्वारा स्थाई नौकरी दिलाने का प्रलोभन देकर यौन शोषण का आरोप लगाया गया है।

जानकारी के अनुसार लगभग डेढ़ माह पुर्व पीड़ित महिला कर्मी ने बोकारो थर्मल थाने में आवेदन देकर उक्त आरोप लगाई। इतना ही नहीं इस मामले पर खूब राजनीति व बीच बचाव का खेल चलने की भी खबरे चर्चा का विषय बना रहा है। लगभग दस दिन पुर्व पीड़िता को बोकारो थर्मल थाने में बुला कर बेरमो के सहायक पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन तथा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विनोद कुमार द्वारा पीड़िता का बयान लिया गया। 28 मई को पीड़िता तेनुघाट व्यवहार न्यायालय में 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दिया है। उक्त प्रक्रिया के बाद इसी मामले को लेकर बोकारो थर्मल थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर बिनोद कुमार व चन्द्रपुरा थाना प्रभारी नुतन मोदी के नेतृत्व में पीड़िता को साथ लेकर उपरोक्त मामले से संबंधित तीन स्थानों पर(फिजिकल वेरीफिकेशन) जांच की।

जिसमें तेनुघाट तीन नंबर गोल चक्कर से सौ मीटर की दुरी पर तेनुघाट एक नंबर मार्ग किनारे,स्वांग हवाई अड्डा झाड़ी व् सीसीएल कथारा अतिथि गृह जाकर जानकारी हासिल किया गया है। पूरे जांच के दौरान जांच दल मीडियाकर्मियों से दूरी बनाये रखा। यही नहीं बल्कि अतिथि गृह कथारा में कलमधरों के लिये निषिद्ध कर दिया गया। इस संबंध में क्षत्रीय प्रबंधक कार्मिक भरतजी ठाकुर से आश्वासन के बाद भी दबंगई की अहम में उप कार्मिक प्रबंधक गुरू प्रसाद मंडल स्थिति स्पष्ट करने के लिये अतिथि गृह के मुख्य दरवाजे पर इंतजार में खड़े मीडिया कर्मियों से मिलना मुनासिब नहीं समझे। बता दें कि जांच के तीनो स्थानों का संबंध इस घटना से खास तौर से जुड़ा है।

सूत्र बताते हैं कि पीड़िता मामले से जुड़ी कई साक्ष्य पुलिस के आला अधिकारियों को सौंप चुकी है। सीसीएल के कथारा अतिथि गृह में जांच के दौरान यहां कार्यरत कई कर्मियों से इस मामले को लेकर पुछताछ की गई है। पूरे मामले में जिस तरह मिडिया को दुर रखा जा रहा है यह कई सवालों को जन्म देता हैं।

मगर मामला कानुनी है इस लिए सवालिया निशान लगाना उचित नहीं जान पड़ता है। इधर मिली जानकारी के अनुसार पीड़िता से मोबाइल पुलिस को बतौर साक्ष्य जमा करने को कहा गया है। जिसे साथ नही लाने की बात कह अगली तारीख को जमा करने की बात कही गयी है। जांच दल में उपरोक्त पुलिस अधिकारीयों के अलावे बोकारो थर्मल थाना सहायक अवर निरीक्षक मनोज झा व महिला एवं पुरुष पुलिस बल के जवानों के साथ पीड़िता के वकील भी शामिल थे।

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