हवशी के चंगुल से बची महिला पंचायत समिति सदस्य ने पिया सेनिटाईजर

एस.पी.सक्सेना/ बोकारो। बोकारो जिला के हद में गोमियां (Gomia) प्रखंड के एक पंचायत क्षेत्र का मामला ने आधुनिक सभ्य समाज को एकबार फिर सोंचने पर विवश कर दिया है कि जब जनता द्वारा चुना गया महिला प्रतिनिधि ही सुरक्षित नहीं तो आम महिलाओं की सुरक्षा की क्या गारंटी होगी। पीड़िता भी ऐसी वैसी नहीं खुद पंचायत समिति सदस्य है। तुक्का यह कि आरोपी द्वारा अपनी गलती की स्वीकारोक्ती के बाद महिला मुखिया ने आरोपी को पुलिस के हवाले करने के बजाये आरोपी से केवल माफीनामा लेकर छोड़ दिया गया। ग्लानिवश तथा पति द्वारा उलाहना दिए जाने से त्रस्त महिला पंसस ने सेनिटाईजर पीकर जान देने की कोशिश की है।

रहिवासियों तथा परिजनों के सहयोग से पीड़िता को सीसीएल के अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उक्त अस्पताल के बजाय उसे दुसरे अस्पताल ले जाने की सलाह पर उसे स्थानीय पुलिस की मदद से डीवीसी के अस्पताल ले जाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद पीड़िता को गोमियां के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां वह खतरे से बाहर बतायी जा रही है।

घटना के संबंध में महिला ने स्थानीय पुलिस को बताया कि बीते 16 जून को उसके गांव के ही रिश्ते का देवर जो पुलिस की नौकरी में भी है ने बाइक लेकर उसके घर पहुंचा और उसे तथा उनके पति को एक परिवारिक समारोह में चलने की जिद करने लगा। उसके पति ने जाने से मना किया तो उक्त युवक ने उसके पति से मिन्नत करने लगा कि भाभी को जाने की अनुमति दे दे। पति ने इस शर्त पर हामी भरी कि जिस तरह लेकर जा रहे हो उसी तरह घर छोड़ जाना। फिर पीड़िता उक्त युवक के साथ चली गयी। मगर उसे क्या पता था कि उक्त युवक के नियत में खोंट है। पीड़िता ने बताया कि जब दोनों गंतव्य पर पहुची तो पायी कि वहां उसके परिवार का कोई सदस्य नही है।

महिला ने तत्काल लौटने का निर्णय लिया तथा उक्त युवक को घर छोड़ने को कहा। काफी हां ना के बाद वह घर छोड़ने को राजी हुआ, मगर रास्ते में ही उसने एक सुनसान स्थान पर बाइक रोक दी। बाइक रुकते ही पीड़िता अपने घर के तरफ जाने लगी तभी वह युवक भी बाइक से उतर कर गलत नियत से उसे जमीन पर गिरा दिया। किसी तरह बचकर वह घर पहुची और सारा माजरा अपने पति को बताने के साथ साथ पुलिस थाना पहुंचकर घटना की लिखित जानकारी पुलिस को दी। इधर घटना की खबर फैलते ही हर तरफ से उस युवक की गलती के लिये पीड़िता पर क्षमा करने का दबाव बनाया जाने लगा। अंतत 18 जून को उसी पंचायत की मुखिया की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें आरोपी युवक ने भरे समाज में हाथ जोड़कर माफी मांगी और एक समझौता नामा बना कर पुलिस को दे दिया गया।

महिला पंसस(पीड़िता)द्वारा आरोपी को माफ करने की खबर से पीड़िता का पति भड़क गया। उसके पति का कहना था कि आरोपी को माफ करने के बजाये जेल की सलाखों में क्यूं नहीं भेजा गया।पति की प्रताड़ना व् ग्लानि वश पीड़िता ने घर में रखा सेनिटाईजर पीकर आत्महत्या की कोशिश की।जिसे समय रहते महिला के परिजनों ने उसे अस्पताल ले जाकर बचा लिया है।

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