अब पुजारी बनना आसान नहीं, IAS ले रहे इंटरव्यू

साभार/ रांची। देश में सरकारी/निजी क्षेत्र में नौ‍करियों की कमी के बीच अब एक चौंकाने वाली सच्‍चाई सामने है। यहां अब मंदिरों में पुजारी भी बकायदा इंटरव्‍यू लेकर रखे जा रहे हैं। वह भी मामूली अंदाज का साक्षात्‍कार नहीं, बल्कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service) के अफसर पंडितों की जांच-परख कर रहे हैं।

पंडिताइ के ज्ञान के लिए उनके मन-मस्तिष्‍क में रचे-बसे हर भगवान को टटोला जा रहा है। भक्ति भाव की समझ के लिए मंत्रोच्‍चारण भी कराया जा रहा है। पूजा-पाठ के विधि-विधान पर भी बारीक नजर डाली जा रही है। आइएएस अफसर (IAS) के इस साक्षात्कार में अभ्यर्थियों से वेद, पुराण, कर्मकांड एवं पूजा-पाठ से संबंधित प्रश्न पूछे गए। रुदाभिषेक मंत्र, शिव तांडव सुनाने को भी कहा गया।

रांची के प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर में पुजारियों के दो पदों पर बहाली के लिए सदर अनुमंडल पदाधिकारी गरिमा सिंह (SDO Garima Singh) ने 12 पंडितों का इंटरव्‍यू लिया। एक-एक कर सभी पंडितों की विद्वता इस आइएएस (Indian Administrative Service) अफसर ने परखी। बहरहाल रुद्राभिषेक मंत्र सुनाकर इस कड़ी परीक्षा में दो पुजारी पास हुए, जिन्‍हें पहाड़ी मंदिर में पूजा-पाठ का दायित्‍व सौंपा जाएगा।

सदर एसडीओ की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने पहाड़ी मंदिर के दो पुजारियों के लिए शुक्रवार को साक्षात्कार लिया। साक्षात्कार में सभी 12 अभ्यर्थी उपस्थित हुए। 200 अंक की साक्षात्कार परीक्षा में पिंटू कुमार पांडेय और शशिकांत पाठक को सबसे ज्यादा मार्क्‍स मिले। पिंटू को 138 एवं शशिकांत पाठक को 161 अंक प्राप्त हुए। इन्हें मंदिर के पुजारी के लिए चयनित कर लिया गया। साक्षात्कार सदर एसडीओ के ऑफिस में लिया गया।

चार सदस्यीय चयन समिति में पहाड़ी मंदिर विकास समिति की सचिव सह सदर एसडीओ गरिमा सिंह के अलावा कोषाध्यक्ष अभिषेक आनंद, समिति के सदस्य मदन पारिख एवं मंदिर के मुख्य पुजारी मनोज मिश्र शामिल थे। करीब तीन घंटे चले इस साक्षात्कार में अभ्यर्थियों से वेद, पुराण, कर्मकांड एवं पूजा-पाठ से संबंधित प्रश्न पूछे गए।

रुदाभिषेक मंत्र, शिव तांडव सुनाने को कहा तो तीन-चार अभ्यर्थी को ही मंत्र कंठस्थ याद था। इस दौरान अभ्यर्थियों के हाव-भाव और बातचीत करने के तरीके पर भी गौर किया गया। सफल अभ्यर्थी पिंटू कुमार पांडेय रांची के चटकपुर के रहने वाले हैं। वहीं शशिकांत पाठक धुर्वा के रहने वाले हैं। दोनों पूर्व से ही पूजा पाठ से जुड़े हुए हैं। खास बात यह है कि दोनों पुजारी संस्कृत से आचार्य हैं। चयनित हुए दोनों पुजारियों को मानदेय के रूप में हर माह 7600 रुपये मिलेंगे।

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