साइकिल से रामगढ़ व् बोकारो पहुंचे आधा दर्जन मजदूर

एस.पी.सक्सेना/ बोकारो। अपने घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर कमाने गए मजदूरों को जब भोजन के लाले पड़ गया तब वे अपने घरों की राह पकड़ ली। और तीन साइकिलों पर सवार होकर छ: मजदूर बंगाल से झारखंड के बोकारो (Bokaro) तथा रामगढ़ पहुंच गए। हालांकि दो जगहों पर उन बेबस मजदूरों को पुलिस वालों का सहारा भी मिला।

इस संबंध में मजदूर करी मांझी ने 10 मई को बोकारो जिला के हद में आईएल थाना से महज कुछ फलांग की दूरी पर भेंट में बताया कि वे सभी पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले में ठेकेदार द्वारा कराये जा रहे टावर लाइन का काम करने के लिए इस साल के जनवरी माह में गये थे। लेकिन देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के कारण लॉक डाउन हो जाने से काम रूक गया। मांझी ने बताया कि काम बंद होने के बाद से ठेकेदार द्वारा एकबार भी उनके खाने-पीने की सुनी नहीं लेने से सबके सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गया।

इससे त्रस्त होकर उसके साथ पांच अन्य मजदूर घर लौटने की ठान ली और 7 मई को मेदिनीपुर जिले से चल दिए। झारखंड के रामगढ़ जिला के हद में ससामु निवासी करी मांझी ने बताया कि उसके साथ इस यात्रा में रामगढ़ जिला के किमो चटनियां निवासी रूपलाल मांझी, टूटकी निवासी झूली करमाली, ससामु निवासी सानो मांझी, एदेला निवासी विशुन मांझी तथा बोकारो जिला के हद में तिस्कोपी निवासी जगदीश करमाली तीन साइकिलों पर सवार होकर चल दिए। रास्ते में लालगंज पुलिस ने उनपर रहम खाकर सामान सहित गाड़ी से झारखंड बोर्डर लाकर छोड़ दिया। वहां से सभी मजदूर पुनः साइकिल से भुखे प्यासे गोमियां के आईएल थाना पहुंचे हैं। यहां पुलिस वालों को उनपर तरस आया और उन्हें भरपेट सत्तू खिलाया। मजदूरों के अनुसार अब वे सभी आज ही अपने घर चले जाएंगे।

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