घर से गायब प्रेमी जोड़े ने ठिकाने की सूचना दे प्रशासन से की मदद की मांग

  • प्रेमप्रसंग के मामले को अपहरण व धर्मान्तरण का मसला बनाया गया

  • प्रशासन के रुख से परिजन नाराज

एस.पी.सक्सेना/ बोकारो। बेरमो (Bermo) थाना के हद में सुभाषनगर के रहिवासी प्रेमी अब्राहम (काल्पनिक नाम) व् प्रेमिका सुनीता (काल्पनिक नाम) में काफी समय से अफेयर था और वे शादी भी करना चाहते थे। बात कॉलोनीवासियों व घरवालों को भी ज्ञात था लेकिन अलग-अलग धर्म के होने के कारण दोनों के परिजनों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। नतीजतन दोनों बीते 24 जून को अपने-अपने घर से फरार हो गए।

खास यह कि प्रेमी युवक अनुसूचित जनजाति का है। दोनों अलग-अलग धर्मों के मानने वाले हैं। इसी को आधार बना कर समाज के कथित ठेकेदारों ने लड़की पक्ष से लड़के पक्ष पर अपहरण कर धर्मान्तरण करवाने का फर्जी मामला बना कर बेरमो थाना में कांड क्रमांक 120/20 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज करा दी और थानेदार ने भी आनन-फानन में घारा 366/34 दर्ज कर लड़के की माँ, बहन और भाई बेंजामिन को 26 जून को सुबह लगभग सात बजे सुभाषनगर घर से उठा लिया। काफी मिन्नतों के बाद और उम्र को देखते हुए उसकी विधवा माँ को घर जाने दिया गया। लेकिन भाई-बहन को नहीं छोड़ा गया। 27 जून को युवक के अधिवक्ता एडवोकेट रोहित ठाकुर के सहारे रजिस्ट्रार कार्यालय से प्रेमियों के शादी से संबंधित आवेदन की कॉपी निकाला गया। बेरमो एएसपी के हस्तक्षेप के बाद संध्या लगभग 3 बजे उन्हें हिरासत से छोड़ा गया। यानि करीब 33 घंटे तक उन्हें हिरासत में रखा गया।

खास बात यह कि बेरमो पुलिस द्वारा बिना किसी महिला पुलिस के और बिना किसी सर्च वारंट के प्रेमी युवक के घर में जबरन घुसकर पुरे घर की तलाशी ली गई। युवक के परिजन ने 1 जुलाई की सुबह स्थानीय एक संवाददाता के घर जाकर फरार प्रेमी के मोबाईल से फोन करने की बात कह मदद मांग की गुहार लगाई।परिजनों ने प्रेमी युगल के बोकारो थर्मल थाना के नजदीक वर्मा लॉज के आसपास छुपे होने की बात कही गयी। संवाददाता द्वारा बेरमो थाना प्रभारी को फोन लगाया गया। उनके द्वारा फोन रीसीव नहीं करने पर एसडीपीओ बेरमो को फोन किया गया। एसडीपीओ ने तत्काल बीटीपीएस थाना को बताए गए स्थान पर जाने को कहा। तब तक युवक के परिजन भी वहाँ पहूँच गए। तो देखा कि बीटीपीएस थानेदार वर्मा लॉज से खाली हाथ बाहर निकल कर फोर्स के साथ गाड़ी पर बैठ रहे थे।

उन्होंने परिजनों से कहा कि यहाँ कोई नहीं है। इस पर संवाददाता जो कि स्वयं भी लड़के के परिजनों के साथ वहाँ मौजूद थी, उनको रोका और बताया कि कृपया आप अच्छे से खोजें क्योंकि वह लड़का उस वक्त अपने परिजनों के साथ फोनलाईन पर ही था। संभवतः वह काफी डरा हुआ था। संभवतः वो प्रेमी जोड़ा कुछ असमाजिक लोगों के गिरफ्त में था और अपना लोकेशन वही आसपास ही बता रहा था। तभी एसडीपीओ, बेरमो का फोन संवाददाता के फोन पर आया जो कि घटनाक्रम की जानकारी माँग रहे थे।

कुछ मश्क्कत के बाद लड़के के परिजनो ने वर्मा लॉज के पास ही बने एक मकान, जिसके मालिक विजय गुप्ता के घर से खोज निकाला। उसके बाद पुलिस ने उक्त प्रेमी जोड़े को अपनी कस्टडी में ले लिया। एक बात तो स्पष्ट थी कि लड़के के परिजनों ने अपनी तत्परता का परिचय दिखाते हुए उन्हें पुलिस के हवाले किया। यदि लड़के के परिजन वहाँ नहीं पहूँचते तो पुलिस खाली हाथ लौटनेवाली थी।

बहरहाल, तमाम प्रकरण में एक बात स्पष्ट दृष्टिगत होती है कि इस पुरे मामले में प्रशासन का रवैया लड़के के परिजनों के प्रति काफी निरंकुश व दमनकारी रहा। ऐसे में पुलिस-पब्लिक सामंजस्य के जो दावे किए जाते हैं वो खोखले होते हैं और इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि पुलिस थाना शरीफों के जाने की जगह नहीं।

 321 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *