व्यक्ति नहीं विकास का नाम था राजेंद्र बाबू-अजय कुमार सिंह

एस.पी.सक्सेना/ बोकारो। बेरमो के लोकप्रिय विधायक, इंटक के राष्ट्रीय महामंत्री, बिहार तथा झारखंड के पूर्व मंत्री विकास पुरुष राजेंद्र प्रसाद सिंह (Rajendra Prasad Singh) के निधन पर इंटक व मजदूर नेता अजय कुमार सिंह के कथारा स्थित आवासीय कार्यालय पर 27 मई को शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा में क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेसी तथा राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ के केंद्रीय उपाध्यक्ष सूरजपत सिंह ने कहा कि शरीर नश्वर है। शरीर आज है कल नहीं, लेकिन व्यक्ति का कीर्ति अमर है। जब तक पृथ्वी की संरचना रहेगी तब तक राजेंद्र बाबू की कीर्ति गूंजते रहेगी। राजेंद्र बाबू के योगदान को कोयला के ही नहीं देश के मजदूर कभी नहीं भुला सकते।

श्रमिक नेता अजय कुमार सिंह ने कहा कि मजदूर वर्ग राजेंद्र बाबू द्वारा दिए गए उपलब्धि को आजीवन धरोहर के रूप में याद रखेगा। विकट परिस्थिति में जब देश के मजदूर आज मजबूर है वैसे समय में राजेंद्र बाबू का जाना मजदूरों के भविष्य के ऊपर सवालिया निशान खड़ा प्रतीत होता है। सभी तरह के विकास में राजेंद्र बाबू के योगदान को आजीवन नहीं भुलाया जा सकता। पीढ़ी दर पीढ़ी राजेंद्र बाबू के इतिहास की गाथा बनेगी और एक विकास पुरुष के रूप में राजेंद्र बाबू जाने जाएंगे। राजेंद्र बाबू के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लेते हुए आजीवन उनका मार्गदर्शन मिलता रहे।

उनके प्रति यह सच्ची श्रद्धांजलि होगी। वेदव्यास चौबे तथा गणेश गोप ने कहा कि राजेंद्र बाबू का अभी रहना बहुत जरूरी था। असमय मृत्यु हम सबों को आजीवन रुलाएगी। राजेंद्र बाबू की कार्य क्षमता मानव के रूप में ईश्वरीय गुण के समान था। अनहोनी कार्य पूरा करने की क्षमता राजेंद्र बाबू में थी। हम सब दुखी मन से नमन करते हुए उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इस अवसर पर मुख्य रूप से कथारा चार नंबर मंदिर के पुरोहित गुप्तेश्वर पांडेय, अरविंद कुमार सिंह, विश्वनाथ राज, नसीम अख्तर, संतोष सिन्हा, पिंटू राय, भरत मेहता, धनेश्वर यादव आदि उपस्थित थे। यहां 1 मिनट का मौन धारण कर प्रार्थना सभा आयोजित की गई।

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