जासूसी कांड में भारतीय पत्रकार सहित चीनी व् नेपाली नागरिक गिरफ्तार

एस.पी.सक्सेना/ नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने एक वरिष्ठ पत्रकार राजीव शर्मा को चीन के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। उनके साथ एक चीनी महिला और एक नेपाल के नागरिक को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन दोनों के जरिए सेल कंपनी बना कर पत्रकार को जासूसी के बदले पैसा सौंपा जाता था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने स्वतंत्र पत्रकार शर्मा को उनके पीतमपुरा के घर से 14 सितंबर को गिरफ्तार किया। आरोप है कि शर्मा चीनी इंटेलीजेंस अफसरों को सेना और रक्षा से जुड़े दस्तावेज भेज रहे थे। इसके बदले उन्हें वहां से काफी पैसा आ रहा था। पुलिस ने के घर से रक्षा से जुड़े कई खुफिया दस्तावेज बरामद किये हैं। राजीव करीब 40 साल से पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं। देश के कई प्रतिष्ठित अखबारों, न्यूज एजेंसियों के लिए काम कर चुके हैं। शर्मा वर्ष 2010 से स्वतंत्र पत्रकारिता कर रहे थे। उनके पास पीआईबी द्वारा जारी कार्ड भी था।

पुलिस के अनुसार पत्रकार की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने एक नेपाली नागरिक राज भोरा और चीनी महिला किंग शी को भी गिरफ्तार किया है। दोनों दिल्ली के महिपालपुर में एम-जेड फार्मेसी और एम-जेड मॉल नाम से दो सेल कंपनी चलाते है। इसके जरिए ही शर्मा के खाते में अब तक चीन से 30 लाख रुपये से ज्यादा का पेमेंट आ चुका है। हालांकि, इन दोनों कंपनियों के असली मालिक एक चीनी दंपत्ति है, जो चीन में हैं और सूरज और उषा नाम से कंपनी चलाते हैं।

बताया जाता है कि पत्रकार शर्मा वर्ष 2010 से 2014 तक चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के लिए लिखते थे। उनके लेख के जरिए चीनी खुफिया एजेंसी के अधिकारी ‘माइकल’ ने उनसे लिंकडिन अकॉउंट के जरिए उनसे संपर्क किया। उन्हें चीन बुलाया गया और भारत-चीन रिश्तों के कई पहलुओं से जुड़ी जानकारी ली गई।

शर्मा से भूटान, सिक्किम और सिक्किम के ट्राई जंक्शन, डोकलाम, भारत-म्यांमार के रिश्तों और भारत-चीन सीमा पर सेना की तैनाती से जुड़ी जानकारी ली गई। इस दौरान शर्मा की भेंट चीन के दूसरे खुफिया अफसर जॉर्ज से चीन में हुई। जॉर्ज ने शर्मा से दलाई लामा से जुड़ी जानकारी देने और इस बारे में लिखने का आग्रह किया। जॉर्ज ने खुद को चीन की एक मीडिया कंपनी का जनरल मैनेजर बताया। साथ ही कहा गया कि इस काम के लिए महिपालपुर की एक कंपनी के जरिए एक जानकारी या लेख के बदले में 500 यूएस डॉलर से ज्यादा पैसा मिलेगा।

उन लेखो के बदले में शर्मा के खाते में उक्त सेल कंपनी के जरिए 10 किश्तों में एक साल में 30 लाख से अधिक रुपये पहुंचा दिए गए। जांच के क्रम में पता चला है कि चीनी जासूस महिला किंग शी वसंत कुंज के अपार्टमेंट के टावर नंबर G-10 के फ्लैट क्रमांक 204 में जनवरी 2019 से किराए पर रह रही थी। फ्लैट में उसके साथ शेर सिंह भी रहता था। अपार्टमेंट के केयर टेकर ने बताया कि किंग शी और शेर सिंह दोनों काफी रिज़र्व नेचर के थे। वे किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करते थे।

यहां तक कि उसी फ्लोर पर रहने वाले रहिवासियों ने भी नाम न छापने के शर्त पर बताया कि किंग शी किसी से बात नहीं करती थीं। कोरोना काल में उसने भी अपनी बालकनी में पीएम मोदी के आवाह्न पर दीया जलाया था। बताया जाता है कि अर्पाटमेंट के स्टॉफ को अकसर गिफ्ट प्रलोभन देते थे। किंग शी अकसर देर रात आती और सुबह जल्दी चली जाती थी। किसी से ज्यादा मुलाकात नहीं करती थी। इसी फ्लैट से स्पेशल सेल को उसके लैपटॉप, हार्डडिस्क, पेन ड्राइव व् कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं।

बताया जाता है कि इस पूरे जासूसी कांड को अंजाम देने के लिए किंग शी ने महिपालपुर में एम-जेड फार्मेसी नामक ऑफिस बनाया था। जिसमें शी के साथ शेर सिंह भी इस कंपनी में निदेशक था। इस ऑफिस से भी कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स स्पेशल सेल ने सीज किए हैं साथ ही सेना से जुड़े कई दस्तावेज भी यहां से मिले हैं। पत्रकार शर्मा ने कई बार इसी ऑफिस में शी से मुलाकात की थी।

पकड़ी गयी चीनी महिला किंग शी जामिया में एक कोर्स में एडमिशन लिया था, जबकि उसका असली काम भारतीय सेना की जासूसी करना था। स्पेशल सेल और जांच एजेंसियां इस जासूसी नेक्सस के बाकी लोगों की तलाश में जुटी है। स्पेशल सेल ने चीनी जासूस शी, पत्रकार शर्मा और शेर सिंह से बरामद तमाम इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स को कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक रेस्पांस टीम को भेज दिया है, ताकि इनसे डिलीट किए गए डाटा को वापस हासिल किया जा सके। वहीं इस जासूसी कांड में इस्तेमाल होने वाले सेल कंपनियों की तफ्तीश के लिए दिल्ली पुलिस ने प्रर्वतन निदेशालय को भी पत्र लिखा है, आगे की कार्रवाई किया जा सके।

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