पत्रकार हत्याकांड में राम रहीम दोषी

साभार/ पंचकूला। हरियाणा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को अदालत ने दोषी करार दिया है। पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने 16 साल पुराने इस मर्डर केस में राम रहीम समेत चार आरोपियों को शुक्रवार को दोषी ठहराया। अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद अब राम रहीम और बाकी दोषियों को 17 जनवरी को सजा का ऐलान किया जाएगा।

सुनवाई से पहले पंचकूला में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट का सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया गया। यौन शोषण केस में राम रहीम को सजा के बाद पिछली बार हुई हिंसा को देखते हुए प्रशासन की तरफ से चाक-चौबंद सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। राम रहीम को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया है। सुनवाई के दौरान मीडिया को अदालत से बाहर रखा गया। विशेष कोर्ट ने राम रहीम के अलावा इस मामले में तीन अन्य आरोपियों को मुजरिम माना।

पंचकूला में सीबीआई स्पेशल कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी देते हुए डीसीपी कमलदीप गोयल ने कहा, ‘भारी संख्या में पुलिसबल को तैनात कर दिया गया है। कोर्ट परिसर में 500 की संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। यहां बैरिकेडिंग भी कर दी गई है।’

फैसला आने से पहले रोहतक रेंज के आईजी संदीप खिरवार का कहना है, ‘जेल के आसपास हमने कड़ा सुरक्षा घेरा बनाया है। 500 पुलिसकर्मियों के साथ ही ड्रोन को भी निगरानी के लिए लगाया गया है। हम किसी भी तरह लोगों को इकट्ठा होने की इजाजत नहीं देंगे। हम सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि लोगों को किसी तरह की परेशानी ना हो।’

राम रहीम से जुड़े फैसले की वजह से हरियाणा और पंजाब में सुरक्षा बंदोबस्त कड़े कर दिए गए। पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत में चल रहे इस मामले में आरोपी गुरमीत राम रहीम को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया, जबकि अन्य आरोपी प्रत्यक्ष तौर पर कोर्ट में हाजिर हुए। बता दें कि गुरमीत राम रहीम इस समय रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।

राज्य सरकार ने सुनारिया, डेरा के मुख्यालय सिरसा और पंचकूला में कड़े सुरक्षा प्रबंध किए। कोर्ट ने पहले गुरमीत राम रहीम को 11 जनवरी को प्रत्यक्ष तौर पर मौजूद होने के निर्देश दिए थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने अतीत के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, उसे विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश करने की अपील कोर्ट से की थी जो कि मंजूर हो गई।

दरअसल, सरकार को आशंका थी कि अगर गुरमीत राम रहीम को प्रत्यक्ष तौर पर पेश किया जाता तो इससे कानून व्यवस्था पर आंच आने का खतरा था। उल्लेखनीय है कि गुरमीत राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार दिए जाने के तुरंत बाद पंचकूला समेत कई जगह दंगे, आगजनी और तोड़फोड़ हुई थी। राज्य सरकार ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होने देना चाहती है।

पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड करीब 16 साल पुराना है और डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इसमें आरोपी है। साल 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। छत्रपति अपने समाचार पत्र में डेरा से जुड़ी खबरों को प्रकाशित करते थे। पत्रकार छत्रपति के परिजनों ने मामला दर्ज करवाया था और बाद में इसे सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया था। सीबीआई ने 2007 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी और इसमें डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना था।

 


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