आदिवासियों के जीवन पर बनी फिल्म

फिल्म ”क्रीना” की शूटिंग मुंबई में

पार्थ फिल्म्स इंटरनेशनल के बैनर तले बन रही हिंदी फिल्म ” क्रीना ” आदिवासियों के जीवन और उनके सामाजिक व संगठनात्मक ढांचे का बेबाक चित्रण है। निर्माता हरविंद सिंह चौहान के इस फिल्म की कहानी का मूल ढांचा काल्पनिक होकर उनकी जीवनशैली का बस दर्पण ही है। इस रोचक एवं विवेचनात्मक फिल्म के निर्देशक श्यामल के. मिश्रा हैं। भूषण सिंह इस फिल्म के लेखक हैं।

आरण्यक पृष्टभूमि आधारित होते हुए भी इस फिल्म में मधुर संगीत का समावेश है। इसमें मेरा दिल दीवाना बोले ओले ओले फेम संगीतकार दिलीप सेन ने कर्णप्रिय धून बनायी हैं। इस फिल्म में तीन गाने हैं, जिसमें दो की रचना भूषण सिंह और एक की श्यामल के. मिश्रा ने की है। नृत्य निर्देशक मनीष कल्याण, स्टंट डायरेक्टर आर. पी. यादव, संपादक चैतन्य वी. तन्न तथा कैमरामैन शिव कुमार गौड़ा हैं।

मुख्य कलाकार हैं, पार्थ सिंह चौहान (नवोदित ), तनिष्का शर्मा, इंद्र कुमार, दीपशिखा, सुदेश बेरी, शाहबाज खान, सुधा चंद्रन इत्यादी है। क्रीना पार्थ नाम के एक जांबाज किशोर की कहानी है, जो एक आतातायी सरदार और कबायली व्यवस्था में निहित अनाचार – अत्याचार के खिलाफ हथियार उठा लेता है। पार्थ के इस मुहिम में कई और किशोर – किशोरियां शामिल होते हैं।

क्रीना बच्चों को लेकर बनायी गयी नये ढर्रे की एक अलग ही फिल्म है। इसमें किशोरवय के ये बच्चे नानी तेरी मोरनी को मोर ले गये नहीं गाते, बल्कि, हैरी पोटर की तरह हैरत अंगेज करतब दिखाते हैं। यह बच्चों को लेकर बनायी गयी फिल्म है, महज बच्चों के लिए नहीं है। अभी फिल्म पोस्ट प्रोडक्शन में है, दशहरा में एक साथ सर्वत्र प्रदर्शित की जायेगी।

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